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गर्मियों में गौरैया के लिए दाने – पानी की व्यवस्था करें- बिश्नोई

locationजयपुरPublished: Mar 21, 2023 12:10:34 am

Submitted by:

Rakhi Hajela

जयपुर। राजस्थान राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड (Rajasthan State Animal Welfare Board) , एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ( Animal Welfare Board of India) ,वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (Wildlife Crime Control Bureau) , जिला पशु क्रूरता निवारण समिति (District Animal Cruelty Prevention Committee) और वल्र्ड संगठन (World Organization ) ने विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) के अवसर पर गौरैया संरक्षण के लिए विशेष पोस्टर (posters for sparrow conservation ) का विमोचन (released) किया।

गर्मियों में गौरैया के लिए दाने - पानी की व्यवस्था करें- बिश्नोई

गर्मियों में गौरैया के लिए दाने – पानी की व्यवस्था करें- बिश्नोई

जयपुर। राजस्थान राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड (Rajasthan State Animal Welfare Board) , एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ( Animal Welfare Board of India) ,वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (Wildlife Crime Control Bureau) , जिला पशु क्रूरता निवारण समिति (District Animal Cruelty Prevention Committee) और वल्र्ड संगठन (World Organization ) ने विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) के अवसर पर गौरैया संरक्षण के लिए विशेष पोस्टर (posters for sparrow conservation ) का विमोचन (released) किया।
राजस्थान राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष केसी विश्रोई ने इस पोस्टर का विमोचन करते हुए कहा कि आवासीय ह्नास,अनाज में कीटनाशकों के इस्तेमाल, आहार की कमी और मोबाइल टॉवरों से निकलने वाली सूक्ष्म तरंगें गौरैया के अस्तित्व के लिए खतरा बन रही हैं। गर्मियों में जैसे जैसे पारा चढ़ेगा बेजुबान पक्षियों के लिए दाने पानी की समस्या बढ़ती जाएगी इसलिए सभी नाागरिकों से अपील है कि गर्मियों में अपने घरों एवं आस पास के पेड़ों पर पक्षियों के लिए परिंडे बांधकर उसमें प्रतिदिन स्वच्छ जल भरें साथ ही पक्षियों के लिए दाने की व्यवस्था भी करें।
भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड तथा वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के प्रतिनिधि मनीष सक्सेना के अनुसार गौरैया के अस्तिव पर खतरा मंडरा रहा है जो प्राकृतिक संतुलन के लिए चेतावनी है। दुनिया भर में गौरैया की 26 प्रजातियाँ हैं, जिसमें से 5 भारत में पाई जाती हैं। गौरैया की आबादी मे 50 से 60 फीसदी तक की कमी आई है। यदि गौरैया संरक्षण के उचित प्रयास नही किए गए तो हो सकता है कि गौरैया भविष्य की पीढिय़ों को देखने को ही न मिले।
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