राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य पारदर्शिता लाने के साथ संवेदनशील सूचनाओं की गोपनीयता को भी बनाए रखना है। इसलिए ऐसी सूचनाएं किसी सरकारी दफ्तर की सामान्य टेंडर की सूचनाएं नहीं मानी जा सकतीं।
अग्रवाल ने मांगी थी सूचना
अजमेर निवासी तरूण अग्रवाल ने आरपीएससी से ऑनलाइन परीक्षा टेंडर से संबंधित ईओआई व टेंडर से संबंधित समस्त दस्तावेजों के साथ यह सूचना भी चाही थी कि इस टेंडर के आधार पर कौन-कौनसी परीक्षाएं आयोजित की गई। आरपीएससी ने यह सूचना देने से इनकार किया तो अग्रवाल ने राज्य सूचना आयोग को द्वितीय अपील दायर कर दी।
अजमेर निवासी तरूण अग्रवाल ने आरपीएससी से ऑनलाइन परीक्षा टेंडर से संबंधित ईओआई व टेंडर से संबंधित समस्त दस्तावेजों के साथ यह सूचना भी चाही थी कि इस टेंडर के आधार पर कौन-कौनसी परीक्षाएं आयोजित की गई। आरपीएससी ने यह सूचना देने से इनकार किया तो अग्रवाल ने राज्य सूचना आयोग को द्वितीय अपील दायर कर दी।
अग्रवाल का कहना था कि सरकारी कार्यालय में टेंडर की सूचना देने से इनकार नहीं किया जा सकता। अपने जवाब में आरपीएससी ने सूचना आयोग के सामने तर्क दिया कि चाही गई सूचना, आरटीआई एक्ट की धारा के तहत नहीं दी जा सकती। ऐसी सूचनाएं देने से परीक्षाओं की गोपनीयता व विश्वसनीयता पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
यह सुनाया फैसला
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद गत दिनों दिए अपने फैसले में राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने कहा कि सरकारी कार्यालय में टेंडर प्रक्रिया की सूचनाएं सार्वजनिक की जा सकती हैं लेकिन आरपीएससी से ऑनलाइन परीक्षाओं के टेंडर के बारे में मांगी गई सूचना सामान्य सरकारी दफ्तर के टेंडर की सूचना नहीं है।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद गत दिनों दिए अपने फैसले में राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने कहा कि सरकारी कार्यालय में टेंडर प्रक्रिया की सूचनाएं सार्वजनिक की जा सकती हैं लेकिन आरपीएससी से ऑनलाइन परीक्षाओं के टेंडर के बारे में मांगी गई सूचना सामान्य सरकारी दफ्तर के टेंडर की सूचना नहीं है।
यह ऐसी संवेदनशील सूचना है जो परीक्षा की गोपनीयता व निष्पक्षता को प्रभावित कर सकती है। सूचना का अधिकार अधिनियम की प्रस्तावना एवं उद्देश्य ऐसी संवेदनशील सूचना की गोपनीयता को बनाए रखने की अपेक्षा करता है। इसलिए ऐसी सूचना नहीं दी जा सकती।