सरिस्का बाघ परियोजना में इन दिनों बाघों का कुनबा 24 है लेकिन इनमें एक बाघ एवं एक शावक अभी लापता हैं। जनवरी में बाघ एसटी 13 लापता हुआ था। जिसका अब तक न तो पता चल सका है और न ही कोई उसके कोई साक्ष्य मिल सके हैं। वहीं गत 3 जुलाई से बाघिन एसटी 14 का शावक द्वितीय भी नहीं मिल पा रहा है।
रणथंभौर से ला रहे नए बाघ
सरिस्का में खुद के बाघ गायब हो रहे हैं और रणथंभौर से नए बाघ लाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है। हालांकि वन्यजीव प्रेमी इस निर्णय पर सवालिया निशान भी लगे हैं कि सरिस्का के बाघ की भौगोलिक परिस्थिति में रचे बसे होने के बाद गायब हो रहे हैंए तो रणथंभौर से आने वाले बाघ के लिए यह जंगल एकदम नया होगा। वहां से आने वाले बाघ की प्रकृति यहां के बाघों से मेल नहीं खाई तो टैरिटरी को लेकर संघर्ष की आशंका भी बढ़ सकती है।
दो बाघों का गुम होना शुभ संकेत नहीं
सरिस्का में इस वर्ष दो बाघों का लापता होना शुभ संकेत नहीं है। कारण है कि पिछले दिनों उम्रदराज बाघिन एसटी 3 की मृत्यु हो चुकी है। वहीं उम्रदराज बाघ एसटी.6 की मौत भी इसी साल हुई है। यानि दो बाघ सरिस्का में कम हो चुके हैं। वहीं दो और बाघों का गुम होना सरिस्का बाघ परियोजना के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है।
सरिस्का में बाघिन एसटी 14 के शावक द्वितीय की तलाश के लिए जंगल में 100 से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैंए वहीं करीब 100 वनकर्मीए बॉर्डर होमगार्ड व होमगार्ड शावक की तलाश में जुटे हैं। लेकिन शावक का अब तक कोई साक्ष्य नहीं मिल सका है। बाघिन एसटी 14 के तीन शावक हैं । इनकी उम्र करीब ढाई साल है। इनमें दूसरा शावक गायब है। इस शावक की अभी नलदेश्वर टैरिटरी रही है जोकि सरिस्का सदर एवं अकबरपुर की सीमा पर है। ज्यादातर यह शावक क्रास्काए पीलाखेत नलदेश्वर नाला आदि क्षेत्रों में विचरण करता रहा है।
बारिश के मौसम ने बढ़ाई परेशानी
सरिस्का प्रशासन की परेशानी बारिश के मौसम ने बढ़ा दी है। बारिश में कीचड़भरी जमीन होने से बाघों के पगमार्क मिलना मुश्किल होता है। वहीं घास और हरियाली होने से कई बार बाघ कैमरा ट्रैप में नहीं आ पाते।