ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मामले में राजस्थान एक पायदान ऊपर
जयपुरPublished: Sep 05, 2020 08:18:15 pm
प्रदेश में औद्योगिक निवेश ( industrial investment ) के लिए कारोबारी सुगमता के उठाए गए कदमों का परिणाम है बिजनस रिफोम्र्स एक्सन प्लान ( Business Reforms Exxon Plan ) की क्रियान्विति रैंकिंग ( ranking ) में राजस्थान एक पायदान और ऊपर आते हुए वर्ष 2019 की रैंकिंग में आठवें स्थान पर आ गया है। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश के उद्यमियों, निवेशकर्ताओं और निवेश का बेहतर वातावरण तैयार करने से जुड़े अधिकारियों और प्रदेशवासियों को बधाई दी।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मामले में राजस्थान एक पायदान ऊपर
जयपुर। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए कारोबारी सुगमता के उठाए गए कदमों का परिणाम है बिजनस रिफोम्र्स एक्सन प्लान की क्रियान्विति रैंकिंग में राजस्थान एक पायदान और ऊपर आते हुए वर्ष 2019 की रैंकिंग में आठवें स्थान पर आ गया है। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश के उद्यमियों, निवेशकर्ताओं और निवेश का बेहतर वातावरण तैयार करने से जुड़े अधिकारियों और प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा शनिवार को इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत बिजनस रिफोम्र्स एक्सन प्लान की क्रियान्विति के अनुसार राज्यों की रैंकिंग जारी की है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वेब कॉफ्रेंसिंग के जरिए राज्यों की रैंकिंग जारी की। 2019 के लिए जारी इस रैंकिंग में राजस्थान 2017 की नवीं रैंकिंग से एक कदम ऊपर उठते हुए आठवें स्थान पर आ गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री की वेब कॉन्फ्रेंस में उद्योग मंत्री मीणा के साथ ही प्रमुख शासन सचिव उद्योग नरेश पाल गंगवार और आयुक्त उद्योग अर्चना सिंह ने भी हिस्सा लिया। मीणा ने बताया कि कारोबारी सुगमता के क्षेत्र में केन्द्र सरकार की ओर से जारी रैंकिंग में राजस्थान पश्चिमी बंगाल व गुजरात से आगे निकल गया है।
उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री मीणा ने बताया कि यह तो हमारी सरकार आने के शुरुआती दिनों में उठाए गए कदमों का ही परिणाम है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशन में राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में औद्योगिक निवेश का बेहतर माहौल बनाने के लिए क्रान्तिकारी कदम उठाए गए हैं। राज्य में एमएसएमई एक्ट में प्रावधान कर राजउद्योगमित्र की पावती के आधार पर उद्योग लगाने पर तीन साल के लिए सभी अनुमतियों से मुक्त किया गया हैं वहीं राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत अन्य राज्यों की तुलना में अधिक रियायतें दी गई है। प्रदेश में नई औद्योगिक विकास नीति के साथ ही निर्यात प्रोत्साहन के लिए राजस्थान निर्यात संवद्र्धन परिषद व राजस्थान निर्यात संवद्र्धन समन्वय परिषद का गठन किया गया है। एमएसएमई सुविधा परिषद एक के स्थान पर चार कर दी गई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में सिंगल विण्डों सिस्टम को भी और अधिक प्रभावी बनाते हुए वन स्टॉप शॉप लागू किया गया है जिससे अब बड़े उद्योगों की स्थापना भी आसान हो जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने और क्रांतिकारी निर्णयों से आगामी वर्ष की रैंकिंग में राजस्थान शीर्ष प्रदेश बनने की पूरी संभावना है।
उद्योग मंत्री मीणा ने कहा कि प्रदेश के अधिकारियों को आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना आदि प्रदेशों में अध्ययन के लिए भेजा जाएगा और वहां के अनुभवों को भी प्रदेश की परिस्थितियों के अनुसार लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार के समन्वित और साझा प्रयासों का ही परिणाम है कि कोरोना लॉकडाउन और उसके बाद के हालातों के बावजूद राज्य में लगभग सभी बड़े उद्योग आरंभ हो गए हैं। सभी औद्योगिक क्षेत्र खुल गए है और श्रमिक काम पर आने लगे हैं। उन्होंने बताया कि औद्योगिक सुधारों का ही परिणाम है कि प्रदेश में निवेश का नया वातावरण बना है और नए निवेशक राजस्थान का रुख कर रहे हैं। पिछले दिनों ही प्रदेश में बड़े निवेश के एमओयू संपन्न हुए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्ष में राजस्थान की रैंकिंग में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
गौरतलब है कि 2015 से राज्यों में कारोबारी सुगमता के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी बिन्दुओं की क्रियान्विति के आधार पर राज्यों की रैंकिंग जारी की जाती है। 2018 में रैंकिंग जारी नहीं की गई थी और 2019 में राजस्थान 8वें स्थान पर रहा है। इससे पहले 2017 की रैंकिंग में 9वें स्थान पर था। 2019 की रैंकिंग केन्द्र सरकार की ओर से जारी 80 रिफोम्र्स बिन्दुओं की राज्य सरकारों द्वारा क्रियान्विति के आधार पर की गई है।