स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान ने कोरोना के खिलाफ संघर्ष में पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी है। राजस्थान के कोरोना प्रबंधन की पूरे देश ने प्रशंसा की है। हमने योजनाबद्ध तरीके से कोरोना प्रबंधन किया, जिसके नतीजे आज सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता के मामले में राजस्थान आज पूरे देश में सबसे आगे है। राजस्थान की वर्तमान क्षमता 41500 टेस्ट प्रतिदिन की है। जल्द ही इसे बढ़ा कर 50 हजार प्रतिदिन कर दिया जाएगा।
कोरोना रिकवरी दर के मामले में भी हम देश में आगे हैं। मृत्यु दर में भी हमारी औसत देश की औसत से कम है। अब बिना लक्षण वाले मरीज ज्यादा आ रहे हैं। हम टेस्टिंग क्षमता को बढ़ा रहे हैं। राज्य के 21 जिलों में टेस्टिंग हो रही है। राज्य में हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ है तथा बैड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सहित अन्य चिकित्सा सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई है।
शर्मा ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशन में हम भरसक प्रयास कर रहे हैं। प्लाज्मा थैरेपी सहित अन्य सभी उपाय किए जा रहे हैं। अमरीका से अत्याधुनिक तकनीक की मशीन मंगवाई गई है। इसके साथ ही अन्य सभी प्रयास जो हो सकते हैं, किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही 21 जून से 7 जुलाई तक पूरे प्रदेश में जनजागरूकता अभियान चलाया, इसके बहुत अच्छे नतीजे आए हैं, लोगों में जागरूकता का स्तर बढ़ा है। इस लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आमजन की है। आमजन को स्वयं बचना होगा। मास्क लगाना, बार बार हाथ धोना, सैनेटाइज करना, दो गज की दूरी रखना, खुले में नहीं थूकना आदि सामान्य आदतों को अपना कर ही हम कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं।
उन्होंने आमजन से अपील की है कि स्वयं इन आदतों को अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। शर्मा ने कहा कि फिलहाललॉक डाउन खत्म हुआ है कोरोना नहीं। इससे 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाओं सहित गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को ज्यादा खतरा है। इन्हें विशेष रूप से बच कर रहना चाहिए।