गांव की तीन बेटियों व उनके दो बच्चों को जब श्मशान में एंबुलेंस से बाहर निकाला तो हर किसी की आंखें नम हो गई। बेहद गमगीन माहौल में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में एक ही चिता पर जब पांच का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान एसपी मनीष अग्रवाल को मृतक महिलाओं के भाई बनवारी ने ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज करने की रिपोर्ट दी। इसके बाद मामला दर्ज कर लिया गया।
क्यों उठाया कदम
जब पांचों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था तो सबकी आंखें में आंसू थे साथ ही सबकी जुबां पर एक ही सवाल था कि आखिर इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। लेकिन इससे पहले ससुराल वालो की प्रताड़ना और मारपीट से परेशान बेटियां घर आई तो किसी ने उनका साथ नहीं दिया, उनकी पीड़ा को नहीं समझा।
हृदयविदारक हादसे में पांच जनों की मौत हुई लेकिन उन दो जिंदगियों के जीने का हक भी छीन लिया जो इस दुनिया में आने वाले थे। तीन बहनों में सबसे बड़ी कालू देवी के जहां दोनों बच्चों ने कुएं में दम तोड़ दिया वहीं उसकी छोटी बहन ममता भी आठ माह की गर्भवती थी जबकि सबसे छोटी कमलेश नौ माह की गर्भवती थी। चिकित्सकों ने 26 मई को उसकी डिलेवरी का समय दिया था लेकिन एक दिन पहले ही गर्भ में उसकी मौत हो गई जबकि ममता को एक माह बाद प्रसव होने वाला था।
दूदू के नरैना रोड के पास 66 फीट गहरने कुएं से तीन सगी बहनों के साथ दो बच्चों के शव निकालने में एसडीएआरफ की टीम को करीब पांच घंटे का समय लगा। कुएं में करीब 28 फीट पानी था। शवों की तेज दुर्गंध आने से टीम को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर एसडीएआरफ के जवान ने सबसे पहले 25 दिन के दूधमुंहे नवजात का शव निकाला तो जवान के हाथ कांप गए। इसके बाद हर्षित को बाहर निकाला गया। बाद में तीनों बहनों के शव निकाले गए।
दहेज के लिए परेशान करते थे
मृतकाओं के पिता सरदार मीणा निवासी छप्पया ने आरोप लगाया कि ससुराल वाले बेटियों को दहेज के लिए परेशान करते थे। शराब पीकर मारपीट करते थे। तीनों के भाई बनवारी लाल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। आरोपी नरसी राम मुकेश मीणा जगदीश उर्फ गोरु मीणा, सास संतोष, जेठानी मीनू मीना के खिलाफ दहेज हत्या मामला दर्ज करवाया है। हाल फिलहाल पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले रखा है।
जनप्रतिनिधि व अधिकारियों का जमावड़ाशव मिलने की सूचना मिलते ही विधायक बाबूलाल नागर, उपखण्ड अधिकारी भूपेंद्र सिंह यादव, अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक दिनेश शर्मा, पुलिस उप अधीक्षक अशोक चौहान, सांभर सीओ लष्मी सुथार, मोजमाबाद तहसीलदार अभिषेक सिंह, दूदू नायब तहसीलदार महेश चंद शर्मा, दूदू थाना अधिकारी चेतराम डागर, मोजमाबाद थाना अधिकारी रमेश तंवर सहित बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन मौके पर मौजूद रहे।
दो साल पहले हुआ था दहेज प्रताड़ना का मामला
परिजनों ने बताया कि दो साल पहले ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था लेकिन बाद में राजीनामा हो गया। 15 दिन पहले भी तीनों बहनें गांव आई थी लेकिन बाद में समझाइश के बाद वे ससुराल चली गईं।
मीणा समाज ने की निष्पक्ष जांच की की मांग
दूदू मीणा समाज के अध्यक्ष रामकिशोर मीणा व पूर्व चेयरमैन जोबनेर फूलचंद मीणाने जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। फूलचंद मीणा ने कहा कि यह सामूहिक आत्महत्या नहीं हत्या है। इसकी निष्पक्ष जांच की जाए। दोषियों को सजा अवश्य मिलनी चाहिए।