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महामारी पर भारी बेरोजगारी, ऊपर से भत्ते में रुकावट की दोहरी मार, इन कारणों से बंद हो सकता है भत्ता

locationजयपुरPublished: Sep 24, 2020 03:45:26 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

नौकरी नहीं मिलने से खाली हाथ घर बैठे हजारों युवाओं के लिए राज्य सरकार की बेरोजगारी भत्ता योजना पटरी से उतर गई है। किसी का आवेदन महीनों से लम्बित पड़ा है तो किसी को योजना के पैसे अचानक मिलना बंद हो गए हैं।

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उदयपुर। नौकरी नहीं मिलने से खाली हाथ घर बैठे हजारों युवाओं के लिए राज्य सरकार की बेरोजगारी भत्ता योजना पटरी से उतर गई है। किसी का आवेदन महीनों से लम्बित पड़ा है तो किसी को योजना के पैसे अचानक मिलना बंद हो गए हैं। इसके कई कारण हैं, लेकिन बेरोजगार युवा असमंजस में हैं और भटक रहे हैं।
कोरोनाकाल में युवाओं को दो पैसा हाथ में होने की आस है। सरकार से आर्थिक सहायता की उम्मीद में उन्होंने आवेदन भी किए, लेकिन या तो सत्यापित ही नहीं हुए है या सत्यापित होने के बाद उन्हें पैसा जारी करने के लिए मंजूरी नहीं मिल रही है। उदयपुर जिले में ऐसे सैकड़ों मामले है। इधर, रोजगार पंयीजन कार्यालय से मोबाइल पर सही जानकारी नहीं मिलने से उन्हें भटकना पड़ रहा है।
आवेदनक युवाओं को छोटे—छोटे नियम—कायदों से वंचित रखने से उनका हक भी मारा जा रहा है। एक बार रिन्युअल से वंचित हो जाने पर उन्हें दोबारा इस योजना में लाभ नहीं मिल पा रहा है।
युवाओं की शिकायत है कि उन्हें रिन्युअल के लिए विभाग से कोई जानकारी या मोबाइल संदेश समय पूर्व नहीं मिला। जब पैसा आना बंद हुआ तो वे रोजगार कार्यालय पहुंचे, तब उन्हें अयोग्य हो जाने का पता चला। गौरतलब है कि राज्य सरकार 30 साल तक की उम्र तक के शिक्षित बेरोजगारों को दो साल तक बेरोजगारी भत्ता देती है।
केस- 1
सतीश ने जुलाई 2019 में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था। उसके आवेदन पर आपत्ति आई थी। उसे दूर करते हुए फिर से आवेदन किया, जो सत्यापित हो गया, लेकिन अभी तक अप्रूव नहीं हुआ है। एक साल से ज्यादा वक्त से उसे बेरोजगारी भत्ते का इंतजार है।
केस-2
भावना साहू ने जून 2019 में बेरोजगारी भत्ते के लिए अप्लाई किया था। आवेदन अभी तक अप्रूव ही नहीं हुआ है। पूर्व में आवेदन रिजेक्ट होने पर दिसम्बर 2019 में फिर से आवेदन किया था, जो सत्यापित हुआ। गत 15 सितम्बर को अप्रूव हुआ, लेकिन पैसा मिलना शेष है।
केस- 3
लीला मेघवाल ने फरवरी 2019 को आवेदन भरा था, जो सात माह बाद मंजूर हुआ। करीब 10 माह तक पैसा मिला, लेकिन तीन माह से बंद हो गया। रोजगार कार्यालय से सम्पर्क किया तो पता कि रिन्यू नहीं करवाया, जबकि इसकी जानकारी उसे नहीं दी गई।
इन कारणों से बंद हो सकता है भत्ता
1. यदि आवेदक का नाम केन्द्र या राज्य सरकार की किसी अन्य लाभकारी योजना में पंजीकृत है।

2. आवेदक के खाते में छात्रवृत्ति, मनरेगा या और किसी सरकारी योजना का पैसा खाते में जमा होते ही।
3. रिन्युअल सही समय पर न होने पर पैसा रुक जाता है।

4. वर्ष 2016 के बाद हरेक लाभार्थी को चार साल के लिए जारी हो रहे बेरोजगार कार्ड बंद होने पर।

5. पंजीकृत युवा की नौकरी लग जाने या उसे रोजगार मिलने की जानकारी विभाग को मिलने पर।
भत्ता रुकने के हो सकते कई कारण
लाभार्थियों के आवेदन मंजूर नहीं होने या पैसा मिलना बंद होने के कई कारण हैं। या तो उन्होंने रिन्युअल नहीं करावाया है या किसी योजना का पैसा उनके खाते में जमा होने से ऐसा हुआ। एही वंचित होने के बाद दोबारा आवेदन नहीं कर सकते हैं।
पेमाराम, सहायक निदेशक, रोजगार पंजीयन कार्यालय
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