राजस्थान यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का कहना है कि सेंट्रल लाइब्रेरी में सीट सीमित है। ऐसे में यहां के स्टूडेंट्स को बाहर दूसरी प्राइवेट लाइब्रेरी में जाना पड़ता है। छात्र रोहिताश कुमार मीणा ने बताया कि स्टूडेंट्स दोहरी मार झेल रहे है। एक ओर तो वे राजस्थान यूनिवर्सिटी में एडमिशन के समय ही लाइब्रेरी की फीस देते है, वहीं दूसरी ओर निजी लाइब्रेरी में भी उन्हें फीस देनी पड़ती है। एबीवीपी के छात्रनेता दीपक कुमार ने बताया कि कई बार कुलपति से लाइब्रेरी का काम जल्द पूरा कर शुरू कराने की मांग की है, लेकिन अब तक लाइब्रेरी में काम ही चल रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द लाइब्रेरी शुरू नहीं होती है तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों इस लाइब्रेरी के नाम से जुड़ा प्रस्ताव भी सिंडीकेट में पास हो चुका है। लाइब्रेरी का नामकरण बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर किया जाएगा। लेकिन अभी तक यह पता नहीं है कि आखिर यह लाइब्रेरी शुरू कब होगी।