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Rajasthan Univeristy: नौ महीने में लाइब्रेरी बनाने का था वादा, गुजरे 39 माह

locationजयपुरPublished: Oct 18, 2019 08:51:33 pm

Submitted by:

Arvind Palawat

Rajasthan University में मॉडर्न लाइब्रेरी ( New Modern Library ) का काम लंबे समय से चल रहा है। नौ माह में जिस लाइब्रेरी का निर्माण होना चाहिए था, वह निर्माण 39 महीने में भी पूरा नहीं हो पाया है।

Rajasthan Univeristy: नौ महीने में लाइब्रेरी बनाने का था वादा, गुजरे 39 माह

Rajasthan Univeristy: नौ महीने में लाइब्रेरी बनाने का था वादा, गुजरे 39 माह

जयपुर। Rajasthan University में मॉडर्न लाइब्रेरी ( New Modern Library ) का काम लंबे समय से चल रहा है। नौ माह में जिस लाइब्रेरी का निर्माण होना चाहिए था, वह निर्माण 39 महीने में भी पूरा नहीं हो पाया है। जी हां, राजस्थान विश्वविद्यालय में 7 जुलाई 2016 को नई मॉर्डन लाईब्रेरी के भवन का भूमि पूजन कर काम शुरू किया गया। उस समय उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ और कुलपति जेपी सिंघल थे। लाइब्रेरी भवन का काम शुरू होने के बाद तीसरे उच्च शिक्षा मंत्री का कार्यकाल जारी है। साथ ही आरयू में तीसरे ही कुलपति का कार्यकाल चल रहा है। लेकिन यूनिवर्सिटी छात्रों को अभी तक इस मॉर्डन लाईब्रेरी का इंतजार है। भूमि पूजन के दौरान तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने नौ महीने में लाइब्रेरी भवन तैयार होने की बात कही थी। हालात यह है कि तीन साल और तीन माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी लाईब्रेरी भवन का लाभ छात्रों को नहीं मिल पाया है।
सेंट्रल लाइब्रेरी में नहीं मिलती सीट
राजस्थान यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का कहना है कि सेंट्रल लाइब्रेरी में सीट सीमित है। ऐसे में यहां के स्टूडेंट्स को बाहर दूसरी प्राइवेट लाइब्रेरी में जाना पड़ता है। छात्र रोहिताश कुमार मीणा ने बताया कि स्टूडेंट्स दोहरी मार झेल रहे है। एक ओर तो वे राजस्थान यूनिवर्सिटी में एडमिशन के समय ही लाइब्रेरी की फीस देते है, वहीं दूसरी ओर निजी लाइब्रेरी में भी उन्हें फीस देनी पड़ती है। एबीवीपी के छात्रनेता दीपक कुमार ने बताया कि कई बार कुलपति से लाइब्रेरी का काम जल्द पूरा कर शुरू कराने की मांग की है, लेकिन अब तक लाइब्रेरी में काम ही चल रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द लाइब्रेरी शुरू नहीं होती है तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
नाम संबंधी प्रस्ताव पर लग चुकी है मुहर
गौरतलब है कि पिछले दिनों इस लाइब्रेरी के नाम से जुड़ा प्रस्ताव भी सिंडीकेट में पास हो चुका है। लाइब्रेरी का नामकरण बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर किया जाएगा। लेकिन अभी तक यह पता नहीं है कि आखिर यह लाइब्रेरी शुरू कब होगी।

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