इन परेशानियों से दो-चार हुए विद्यार्थी
– परीक्षा फार्म भरने में दिक्कत
– बैंक से परीक्षा शुल्क चुकाने में दो-तीन बार पैसे कटना
– पुर्नमूल्याकंन की स्थिति में आवेदन में दिक्कत
– ड्यू पेपर की स्थिति में आवेदन नहीं हुए
– सेमेस्टर परीक्षा में प्रवेश पत्र वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुए
– विद्यार्थियों को रोल नंबर नहीं मिला
– रिजल्ट के समय नंबरों में गफलत
– मार्कशीट में परीक्षार्थी के नाम संबंधी गलतियां आदि।
– परीक्षा फार्म भरने में दिक्कत
– बैंक से परीक्षा शुल्क चुकाने में दो-तीन बार पैसे कटना
– पुर्नमूल्याकंन की स्थिति में आवेदन में दिक्कत
– ड्यू पेपर की स्थिति में आवेदन नहीं हुए
– सेमेस्टर परीक्षा में प्रवेश पत्र वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुए
– विद्यार्थियों को रोल नंबर नहीं मिला
– रिजल्ट के समय नंबरों में गफलत
– मार्कशीट में परीक्षार्थी के नाम संबंधी गलतियां आदि।
इन्फोनेट सेंटर स्थाई समाधान
विवि में परीक्षा, रिजल्ट आदि कार्य करवाने के लिए इन्फोनेट सेंटर हैं। विवि ने वर्ष २००६ में इन्फोनेट सेंटर बनाया था। यह सेंटर स्नातक व शोध की प्रवेश प्रकिया करवा रहा है। विवि चाहे तो इन्फोनेट सेंटर को मजबूत कर मुख्य परीक्षा भी इन्फोनेट सेंटर से करवा सकती है। लेकिन, विवि प्रशासन सेंटर को मजबूत करने में ढिलाई बरत रही है।
विवि में परीक्षा, रिजल्ट आदि कार्य करवाने के लिए इन्फोनेट सेंटर हैं। विवि ने वर्ष २००६ में इन्फोनेट सेंटर बनाया था। यह सेंटर स्नातक व शोध की प्रवेश प्रकिया करवा रहा है। विवि चाहे तो इन्फोनेट सेंटर को मजबूत कर मुख्य परीक्षा भी इन्फोनेट सेंटर से करवा सकती है। लेकिन, विवि प्रशासन सेंटर को मजबूत करने में ढिलाई बरत रही है।
तकनीकी कमेटी की जांच में पास, मगर काम में फेल
हर साल फर्म को टेंडर देने से पहले विवि की तकनीकी कमेटी फर्म के सिस्टम की जांच करती है। जांच में फर्म के पास होने पर ही उसे ठेका दिया जाता है। इसके बावजूद फर्में हर साल फेल हो जाती हैं। ऐसे में तकनीकी कमेटी की जांच भी सवाल उठ रहे हैं।
हर साल फर्म को टेंडर देने से पहले विवि की तकनीकी कमेटी फर्म के सिस्टम की जांच करती है। जांच में फर्म के पास होने पर ही उसे ठेका दिया जाता है। इसके बावजूद फर्में हर साल फेल हो जाती हैं। ऐसे में तकनीकी कमेटी की जांच भी सवाल उठ रहे हैं।
वर्जन
– परीक्षा प्रकिया में लगातार सामने आ रही अनियमितताओं के चलते फर्म का टेंडर रद्द किया गया है। इन्फोनेट सेंटर में कर्मचारियों की कमी है। इसलिए वहां से काम नहीं करवाया जाता।
– सी.के.गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक, राजस्थान विवि
– परीक्षा प्रकिया में लगातार सामने आ रही अनियमितताओं के चलते फर्म का टेंडर रद्द किया गया है। इन्फोनेट सेंटर में कर्मचारियों की कमी है। इसलिए वहां से काम नहीं करवाया जाता।
– सी.के.गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक, राजस्थान विवि
– यूजी व एमपैट की प्रवेश प्रकिया सेंटर ही करवाता है। मुख्य परीक्षा के लिए स्टाफ व बजट दोनों की कमी है। यदि कमियां पूरी हो जाए तो मुख्य परीक्षा भी करवा सकते हैं।
– वी.के सक्सेना, डायरेक्टर, इन्फोनेट सेंटर
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– वी.के सक्सेना, डायरेक्टर, इन्फोनेट सेंटर
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