जयपुर

राजस्थान में दूसरा कन्हैया न पैदा हो, इसका रखे ध्यान – देवनानी

– राजस्थान विवि के 72वें स्थापना दिवस का कार्यक्रम- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, देश के शैक्षिक संस्थानों में पिछड़ा विवि

जयपुरJan 08, 2018 / 11:57 pm

Jaya Gupta


जयपुर। च्राजस्थान में कोई कन्हैया पैदा न हो, विवि इसका ध्यान रखे। शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों में संस्कारों को भी संचार करना चाहिए।ज् यह कहा शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने। देवनानी सोमवार को राजस्थान विवि के ७२वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में बोल रहे थे। देवनानी ने कहा कि उच्च शिक्षा में केवल पैकेज वाले विद्यार्थी तैयार हो रहे हैं जबकि संस्कारों की शिक्षा गौण होती जा रही है। विश्वविद्यालयों का काम शोध करवाना है। स्नातक पाठ्यक्रमों को विवि से अलग करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो शोध गौण हो जाएगा। स्नातक कॉलेजों के लिए अलग से विवि बनाया जाए, जो कि केवल मान्यता देने का काम करे। विवि शोध पर विशेष फोकस करे। शोध जनसमस्या किए जाएं, ताकि देश-प्रदेश के सामने आ रही चुनौतियों का समाधान हो सकें।

पहले टॉप 5 में था विवि, अब पिछड़ा
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व विधायक अशोक परनामी ने कहा कि राजस्थान विवि पहले देश की टॉप पांच विश्वविद्यालयों में शामिल था। लेकिन अब पिछड़ कर ७९वें नंबर पर आ गया है। सभी को को मेहनत कर फिर से टॉप १५ में लाना होगा। परनामी अनौपचारिक रूप से पीपीपी मॉडल का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार अपने स्तर पर अकेले काम नहीं कर सकती। जब तक सामाजिक संस्थाएं शैक्षणिक संस्थानों को नहीं संभालेगी, उनकी स्थिति ठीक नहीं की जा सकती। कार्यक्रम में मुख्य व्याख्यान पैसेफिक विवि के प्रेसीडेंट प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा ने दिया गया। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विवि के कुलपति आर.के.कोठारी ने कहा कि विवि को टॉप ५० संस्थानों में लाने का प्रयास करेंगे।

इधर कार्यक्रम उधर परेशान हुए छात्र
एक दिन के अवकाश के बाद खुले विवि में सोमवार को आधे दिन का अघोषित अवकाश रहा। सभी अधिकारी-कर्मचारी कार्यक्रम में शामिल होने के नाम पर अपने कक्षों में नहीं थे। कार्यक्रम के दौरान कुर्सियां खाली पड़ी रही। जबकि विवि में एमपैट परीक्षा के फार्म जमा कराने की मंगलवार को अंतिम तिथि है। इस कारण मार्कशीट, माइग्रेशन व अन्य दस्तावेज लेने आए विद्यार्थी परेशान होते रहे। कर्मचारी व अधिकारियों ने दो बजे बाद अपना काम संभाला।

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