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राजपूताना यूनिवर्सिटी के नाम से शुरू हुई थी हमारी राजस्थान यूनिवर्सिटी

locationजयपुरPublished: Jan 09, 2020 03:31:32 pm

-गूगल पर सर्च की जाने वाली टॉप यूनिवर्सिटी में है विश्वविद्यालय-पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष अरविंद पनगडिय़ा सहित कई बड़ी शख्सियतें दी है विवि ने

राजपूताना यूनिवर्सिटी के नाम से शुरू हुई थी हमारी राजस्थान यूनिवर्सिटी

राजपूताना यूनिवर्सिटी के नाम से शुरू हुई थी हमारी राजस्थान यूनिवर्सिटी

जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी का आज 74वां स्थापना दिवस है। आठ जनवरी 1947 में महाराजा कॉलेज में राजपूताना यूनिवर्सिटी के नाम से इसकी स्थापना हुई थी। इसके बाद यूनिवर्सिटी कैम्पस स्थित इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट सबसे पहले साल 1949 में शुरू हुआ। नौ साल तक विवि राजपूताना यूनिवर्सिटी के नाम से चली और 1956 में इसका नाम बदलकर राजस्थान यूनिवर्सिटी किया गया। आपको बता दें कि राजस्थान यूनिवर्सिटी गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली यूनिवर्सिटी में से एक है। इसकी स्थापना में मिर्जा इस्माइल और एजुकेशनिस्ट जेसी रोलो का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जेसी रोलो के नाम से महाराजा कॉलेज में आज भी क्लब चल रहा है। आपको जानकार हैरानी होगी कि जहां राजस्थान यूनिवर्सिटी अपना 74वां स्थापना दिवस मना रही है, वहीं महाराजा कॉलेज ने पिछले साल 175वां और महारानी कॉलेज ने 75वां स्थापना दिवस सेलिब्रेट किया है।
राजस्थान यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. आरके कोठारी बताते हैं कि विश्वविद्यालय इस कैम्पस में साल 1960 से 1965 के बीच सुचारू रूप से संचालित हुआ। इसमें तत्कालीन कुलपति प्रो. मोहन सिंह मेहता का बड़ा रोल रहा। तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाडिय़ा प्रो. मेहता के स्टूडेंट थे, जिसके चलते इसके विकास को गति मिली।
पं. नेहरू और इंदिरा गांधी ने की विजिट
प्रो. कोठारी बताते हैं कि राजस्थान यूनिवर्सिटी का इतिहास काफी गौरवमयी रहा है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, पूर्व पीएम चंद्र शेखर, पूर्व पीएम मोरारजी देसाई, पूर्व राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और लीजेंडरी एक्टर पृथ्वीराज कपूर ने भी यूनिवर्सिटी विजिट की है। साथ ही कपिला वात्सायन, पं. रविशंकर, पं. जसराज, पं. हरिप्रसाद चौरसिया, बेगम परवीन सुल्ताना, ए. निगवेकर, विजयलक्ष्मी पंडित, साइंटिस्ट प्रो. यशपाल और माधुरी शाह सहित कई दिग्गजों ने यूनिवर्सिटी की विजिट की है।
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत यूनिवर्सिटी के एलुमिनाई रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा, पूर्व हाई कमिश्नर एलएम सिंघवी, पूर्व राज्यपाल पं. नवल किशोर शर्मा, जस्टिस एनएल टिबरेवाला, पूर्व डीजीपी अमिताभ गुप्ता भी राजस्थान यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट रहे हैं। नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष अरविंद पनगडिय़ा भी यूनिवर्सिटी के एलुमिनाई हैं। यूनिवर्सिटी के ही डॉ. सुधीर रानीवाला और डॉ. लक्ष्मी रानीवाला बिगबैंग थ्योरी से जुड़े हैं। सबसे कम उम्र में जज बनने वाले मयंक प्रताप सिंह (21) भी यूनिवर्सिटी से पासआउट हैं।

यहां से निकले असरानी, इरफान खान और अनूप सोनी जैसे एक्टर्स
लीजेंडरी बॉलीवुड एक्टर असरानी, इरफान खान, अनूप सोनी, ईला अरुण, रेणुका ईसरानी, सीआइडी फेम एक्टर नरेंद्र गुप्ता, राइटर, प्रोड्यूसर धीरज सरना, वैभव माथुर सहित राजस्थान यूनिवर्सिटी के ड्रामा डिपार्टमेंट ने इंडस्ट्री को सैकड़ों दिग्गज कलाकार दिए हैं, जिन्होंने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।

राजनीति में भी रहा दबदबा
पॉलिटिक्स की बात करें तो राजस्थान यूनिवर्सिटी ने प्रदेश की राजनीति में राजेंद्र राठौड़, रघु शर्मा, कालीचरण सराफ, महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, हनुमान बेनीवाल, अशोक परनामी, डॉ. चंद्रभान, जितेंद्र सिंह, सतीश पूनिया और राजकुमार शर्मा सहित कई बड़े दिग्गज नेता दिए हैं।
एजुकेशन में बड़ा योगदान
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. इकबाल नारायण, कोटा यूनिवर्सिटी के वीसी और आरपीएससी चेयरमैन प्रो. बीएम शर्मा, उदयपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. जेपी शर्मा, लखनऊ और गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. अशोक कुमार, गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. पीसी त्रिवेदी, दिल्ली और जोधपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. वीआर मेहता और कोटा ओपन यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. नरेश दाधीच भी राजस्थान यूनिवर्सिटी से ही रहे हैं। ऑल इंडिया पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी प्रो. मधुकर श्याम चतुर्वेदी भी राजस्थान यूनिवर्सिटी से ही हैं।

देशभर से टॉप शिक्षकों को लाए प्रो. मेहता
कुलपति प्रो. कोठारी बताते हैं कि राजस्थान यूनिवर्सिटी के विकास में पूर्व कुलपति प्रो. मोहन सिंह मेहता का बड़ा योगदान है। वे देशभर की टॉप फैकल्टी को यहां लेकर आए थे। इनमें प्रो. दया कृष्ण, प्रो. राज कृष्ण, प्रो. एजी स्टॉक, प्रो. आरसी मल्होत्रा, प्रो. पीडब्ल्यू श्रीवास्तव, प्रो. पी. सतीश चंद्रा, प्रो. एसपी वर्मा, प्रो. इकबाल नारायण, प्रो. आरके कौल, प्रो. राजा चिलैया, प्रो. टीआरएन उन्निथान और प्रो. एस. बशरूद्दीन शामिल हैं, जिन्हें कुलपति प्रो. मेहता राजस्थान यूनिवर्सिटी लाए थे। इन्हीं के प्रयासों के चलते राजस्थान यूनिवर्सिटी देश के टॉप संस्थानों में शामिल हो सका।
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