आरयू कुलपति को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान…
जयपुरPublished: Sep 17, 2019 05:42:41 pm
Rajasthan University: प्रदेश में सत्ता बदलते ही पिछली सरकार के कार्यकाल में नियुक्त हुए कुलपतियों ( Vice Chancellors ) की कुर्सी पर खतरा मंडराने लग गया था। पिछले दिनों जैसे ही राज्य विधानसभा में कुलपति हटाने के संबंध में विधेयक पास हुआ तो विश्वविद्यालयों में भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई।
आरयू कुलपति को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान…
जयपुर। Rajasthan University: प्रदेश में सत्ता बदलते ही पिछली सरकार के कार्यकाल में नियुक्त हुए कुलपतियों ( Vice Chancellors ) की कुर्सी पर खतरा मंडराने लग गया था। पिछले दिनों जैसे ही राज्य विधानसभा में कुलपति हटाने के संबंध में विधेयक पास हुआ तो विश्वविद्यालयों में भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई। वहीं, पुराने समय से इस तरह की परंपरा चली आ रही है कि सत्ता बदलते ही कुलपतियों को इस्तीफा देना पड़ता है।
इधर, कुछ दिन पहले राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आर. के. कोठारी के खिलाफ राजभवन की ओर से जांच कमेटी का गठन कर दिया गया। इस मामले में कुलपति का कहना था कि जांच कमेटी के गठन से पूर्व उनका पक्ष सुना जाना चाहिए था। वहीं, इस पूरे मामले पर उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और जो भी शिकायतें है, उनकी तथ्यात्मक जांच की जा रही है। हालांकि कुलपति के खिलाफ किस तरह की शिकायतें दी गई है, इसकी जानकारी देने से मंत्री भंवर सिंह भाटी बचते रहे।
परेशान करने के लिए नहीं है जांच कमेटी
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि कुलपति के खिलाफ चल रही जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होगी। इसमें किसी तरह की कोई राजनीतिक दखल नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कुलाधिपति ने यह जांच के आदेश दिए थे। मंत्री भाटी ने कहा कि संभागीय आयुक्त का पद गरिमामयी होता है और इस पूरे मामले में सरकार की ओर से कहीं पर भी ऐसा नहीं है कि जांच प्रभावित हो। हम खुद भी चाहते है कि उच्च शिक्षा में अच्छा माहौल बने, ऐसे में जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का यह बिल्कुल भी मकसद नहीं हैं कि जांच कमेटी बिठा कर किसी को परेशान किया जाए।
एक माह में सौंपनी होगी रिपोर्ट
दरअसल, राजभवन की ओर से उच्च शिक्षा विभाग के पत्र के आधार पर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई थी। इस संबंध में 5 सितंबर को आदेश जारी हुए थे। वहीं, आदेश में कहा गया था कि कमेटी एक माह में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।