पहले वित्त कमेटी में नियुक्ति करो, तब पास करेंगे बजट बैठक में विधायक अमीन कागजी और मुरारी मीणा बजट को पास करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि विवि की वित्त कमेटी में सदस्य ही नहीं है। बिना कमेटी के बजट कैसे पास हुआ। पहले वित्त कमेटी में नियुक्तियां करों, बजट पर बाद में चर्चा करेंगे। इसके बाद सिंडीकेट ने प्रो. जे पी यादव, प्रो. अल्पना कटेजा और दलीप सिंह को वित्त कमेटी में सदस्य नियुक्त किया। एक माह के लिए लेखानुदान पारित किया गया है। यह दूसरी बात है कि जब लेखानुदान पास किया गया है।
इससे पहले मार्च माह में भी तीन महीने का लेखानुदान पास किया गया था। जानकारी के अनुसार बजट करीब 340 करोड़ रुपए का था। मामले पर कुलपति प्रो. आर.के.कोठारी ने बताया कि बैठक में बजट रखा गया था। वह पास नहीं हो पाया। अभी वित्त कमेटी में नियुक्तियां की गई हैं। बजट के लिए अगली बैठक रखेंगे।
छात्रों को सुविधा, जल्द होगी पीएचजी प्रवेश परीक्षा सिंडीकेट की विशेष बैठक में तीन एंजेंड़े मुख्य तौर पर रखे गए थे। बजट के अलावा एम-पैट की नए नियम भी सिंडीकेट में रखे गए। जिन्हें पास कर दिया गया। नए नियमों के अनुसार पीएचडी व एमफिल की प्रवेश परीक्षा एम-पैट में अब छात्रों को राहत मिलेगी। नए नियमों के अनुसार अब एमपैट के पहले पेपर में पार्ट ए और पार्ट बी होंगे। पार्ट बी केवल साइंस के विद्यार्थियों के लिए होगा। जबकि पार्ट ए में रिसर्च मैथडोलॉजी होगी, यह सभी संकायों के लिए होगी।
साथ ही अब नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। पहले पेपर में 50 के बजाए 40 प्रतिशत नंबर लाने पर अब दूसरा पेपर चैक होगा। आरक्षित वर्ग को 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। पेपर एक व दो मिलाकर 50 प्रतिशत लाने अनिवार्य होंगे। नेट-जेआरएफ को सीधा प्रवेश नहीं होगा। केवल वेटेज दिया जाएगा। हालांकि विवि ने पहले एमपैट के लिए 17 जुलाई की तारीख तय कर दी थी। अब इस दिन परीक्षा नहीं होगी। नया नोटिफिकेशन 2-3 दिन में जारी होगा।
2004 से पुराने वाले सभी शिक्षकों को मिलेगा तीसरे एजेंड़े में 10-11 वर्ष पहले नियमित किए गए , लेकिन 2004 से पूर्व लगे हुए शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम का ही लाभ देने का निर्णय किया गया।
ये टेबल एजेंड़े भी पास – विवि की नई लाइब्रेरी अब भीमराम अम्बेडकर के नाम पर होगी। – विधायक व सिंडीकेट सदस्य अमीन कागजी को स्पोट्र्स बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया। – संविदाकर्मियों का न्यूनतम वेतन 9200 किया जाएगा।
बाहर चला धरना प्रदर्शन बैठक के दौरान बाहर संविदाकर्मी व विद्यार्थी धरने प्रदर्शन पर बैठे रहे। संविदाकर्मी न्यूनतम वेतन से भी कम मिल रहे वेतन को बढ़ाने की मांग कर रहे थे। वहीं छात्र व छात्र संगठनों ने भी अपनी-अपनी मांगे कुलपति के सामने रखी।