जबकि अमूमन किसी प्रवेश परीक्षा की फीस इतनी अधिक नहीं होती। यहां तक की नेट (
NET exam ) जैसी परीक्षा के आवेदन की फीस भी इसकी 50 फीसदी भी नहीं है। विवि छात्रों से मोटी फीस वसूल कर अपनी जेब भर रहा है।
यूजी में कई पाठ्यक्रमों की फीस दो हजार से कम एमपैट परीक्षा की फीस विवि प्रशासन जितनी ले रहा है, उससे कम तो यूजी में कई पाठ्यक्रमों की है। यूजी-पीजी पाठ्यक्रमों छात्राओं से शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके अतिरिक्त भी कुल शुल्क दो हजार से कम है। यह फीस सालना है, यानी कि दो हजार रुपए में छात्राएं सालभर क्लास ले सकेंगी।
– प्रवेश परीक्षा देने की फीस ढाई हजार रुपए – यूजी में कई पाठ्यक्रमों की सालभर की फीस इससे कम – शोध करने से पहले ही कट रही स्टूडेंट्स जेब – भारी प्रवेश शुल्क के चलते कई विद्यार्थी नहीं भर रहे एप्लीकेशन फॉर्म
यूं समझे गणित इस बार पीएचडी ( PHD ) और एमफिल ( MPhil ) की कुल मिलाकर एक हजार सीटें हैं। एक हजार सीटों के के लिए करीब चार-पांच गुणा आवेदन पत्र आएंगे। ढाई हजार रुपए प्रति आवेदन के हिसाब से करीब सवा करोड़ रुपए एकत्रित होंगे। प्रवेश परीक्षा राजस्थान विवि में ही होगी।
इसीलिए करीब कुल रेवेन्यू ( Revenue) का 20-25 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च होगा। बाकी रेवेन्यू विवि प्रशासन के खाते में रहेगा। यह केवल प्रवेश परीक्षा का शुल्क है। परीक्षा में पास होने पर ही एडमिशन दिया जाएगा। उसके बाद पीएचडी का शुल्क लगेगा। वहीं, जो विद्यार्थी पास नहीं हो पाते, उनकी फीस भी रिफंड नहीं होगी।