यह था नया नियम राजस्थान विश्वविद्यालय ने यूजीसी का हवाला देते हुए इस बार प्रवेश परीक्षा को नए नियम से आयोजित की थी। नियमों के अनुसार एमपैट परीक्षा में दो पेपर हुए थे। जिसमें पहले कॉमन पेपर में पास होने के लिए पचास प्रतिशत अंक लाने जरूरी थे। तभी उसे द्वितीय पेपर के लिए क्वालिफाई माना जाना थ। इस नियम के चलते अधिकतर विद्यार्थी पहला पेपर ही पास नहीं कर पाए जिससे उनके दूसरे पेपर में आए अंकों को जोड़ा ही नहीं गया।
दो साल से था इंतजार दो साल से राजस्थान विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए एंट्रेस टेस्ट का आयोजन नहीं हुआ था। जिस कारण गत सत्र को जीरो सैशन घोषित कर दिया गया था। राजस्थान विश्वविद्यालय में कुल 51 विषय है जहां शोध कार्य होना है लेकिन घटती शिक्षकों की संख्या के कारण विश्वविद्यालय के 23 विषयों में पीएचडी के लिए एक भी सीट नहीं थी। जिस कारण से 28 विषय ही ऐसे है जिनमें विद्यार्थी पीएचडी कर सकेंगे। इन सभी में कुल 298 सीट पीएचडी की थी।
सोमवार तक सभी विषयों के अनुसार परिणाम जारी किया जाएगा। कुल विद्यार्थी 442 ही पास हुए हैं।
प्रो.दीपक भटनागर,कन्वीनर, एमपैट