जब तक यह मामला नहीं सुलझेगा, तब तक विवि प्रशासन की ओर से छात्रसंघ बजट जारी नहीं किया जाएगा। इसके चलते छात्रसंघ काार्यलय उद्घाटन, छात्र कल्याण कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम, शैक्षिणक व साहित्यिक गतिविधियों, खेलकूद कार्यक्रम अटके हुए हैं। यहां तक की छात्रसंघ कार्यालयों के लिए कुर्सी-मेज आदि सामान भी नहीं खरीदे जा सके हैं।
एक तरफ छात्रसंघ कार्यालयों का कामकाज शुरू भी नहीं हो सका है। जबकि अब उनके कार्यकाल में केवल छह माह शेष बचे हैं। अप्रेल अंत तक उन्हें कार्यकाल खाली करने के नोटिस दे दिए जाते हैं। वहीं तीन माह बाद कॉलेजों में परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है।
गौरतलब है कि एबीवीपी से अध्यक्ष पद प्रत्याशी रहे राजपाल चौधरी ने विनोद के नामांकन पत्र को लेकर 1 अक्टूबर को कुलपति से शिकायत की थी। जिसमें कहा था कि विनोद ने अपने नामांकन पत्र में खुद को न्यायालय के दण्डित हुआ माना था। तभी से मामले की जंाच चल रही है। इसके बाद तत्कालीन छात्र कल्याण अधिष्ठाता (डीएसडब्ल्यू) सरिना कालिया ने 8 अक्टूबर को बैठक कर छात्रसंघ का बजट पास कर दिया। इस मामले पर सरिना कालिया अगले ही दिन को इस्तीफा तक देना पड़ा था।