विवि ने जब कैमरे लगवाए थे। उसी समय पांच वर्ष के लिए मेंटीनेंस का काम एक फर्म को दे दिया था। विवि में इनके मेंटीनेंस के लिए कमेटी भी बनी है। विवि प्रशासन हर साल मेंटीनेंस के नाम पर ही चार-पांच लाख रुपए खर्च करता है। इसके बाद भी सीसीटीवी कैमरे ठीक नहीं है।
आए दिन मारपीट व वारदात, खुलासा नहीं
सीसीटीवी कैमरे सहीं नहीं होने के कारण आए दिन बदमाश परिसर में मारपीट व अन्य वारदातें करते हैं, मगर फुटेज के अभाव में पुलिस उन्हें पकड़ ही नहीं पाती। विवि छात्रसंघ अध्यक्ष के कमरे का गेट कुछ महीनों पहले कुछ बदमाशों ने तोड़ा था। सुरक्षा गार्ड ने गाड़ी में जाते बदमाशों को देखा भी था, लेकिन फुटेज के अभाव में आज तक बदमाश नहीं पकड़े गए। जनवरी में विवि के गेट पर धरना दे रहे कुछ युवाओं के साथ भी कुछ बदमाशों ने मारपीट कर दी। देर रात हुई घटना के बाद पता चला था कि सीसीटीवी खराब हैं।
विश्वविद्यालय में लगे ज्यादातर कैमरे ठीक हैं उनमें रिकॉर्डिंग भी हो रही है
एच.एस. पलसानिया, चीफ प्रोक्टर राजस्थाना विवि