उधर, हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी फिर से शुरू होने के बाद आरयू के जनसंचार विभाग को बंद करने या चालू रखने पर लगातार विवाद सामने आ रहा है। इस पर सिंडीकेट में फैसला लिया गया है कि विभाग से जुड़े इस मामले को एकेडमिक कौंसिल में रेफर किया जाएगा। साथ ही सरकारी कॉलेज को रिसर्च सेंटर बनाने के लिए 10 हजार रुपए की फीस को माफ करने का फैसला लिया गया है।
राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति सचिवालय के बाहर सिंडीकेट की बैठक शुरू होने से पहले ही छात्र और कर्मचारी एकत्रित हो गए। पूर्व शोध छात्र प्रतिनिधि राम सिंह सामोता के नेतृत्व में छात्रों ने एमपेट के दूसरे चरण में पीएच.डी से संबंधित नियमों में संशोधन के लिए जमकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। वहीं, राजस्थान विश्वविद्यालय सेवानिवृत्त कर्मचारी एसोसिएशन की ओर से जुलाई से लेकर सितंबर तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, पेंशन व अन्य परिलाभ ना देने के मामले में विरोध-प्रदर्शन किया गया। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि सिंडीकेट सदस्यों को संगठन ने कर्मचारियों से जुड़ी समस्याएं बताई है। यदि फिर भी जल्द भुगतान नहीं होता है तो आने वाले दिनों में कर्मचारियों को ओर से प्रदर्शन किया जाएगा।