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जयपुर

शिक्षकों की कमी से जूझ रही प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी, अब बचे केवल 12 प्रोफेसर्स

Rajasthan University: राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी ( Biggest State University ) है। सात संघठक कॉलेज और विभागों में यहां करीब 25 हजार स्टूडेंट्स ( 25 Thousand Regular Students ) हर साल नियमित पढ़ाई करते है। लेकिन यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की संख्या काफी कम है। आज के दौर में यूनिवर्सिटी में महज 12 प्रोफेसर्स ( 12 Professors ) ही कार्यरत है।

जयपुरSep 06, 2019 / 07:47 pm

Arvind Palawat

शिक्षकों की कमी से जूझ रही प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी, अब बचे केवल 12 प्रोफेसर्स

शिक्षकों की कमी से जूझ रही प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी, अब बचे केवल 12 प्रोफेसर्स

जयपुर। Rajasthan University: राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी ( Biggest State University ) है। सात संघठक कॉलेज और विभागों में यहां करीब 25 हजार स्टूडेंट्स ( 25 Thousand Regular Students ) हर साल नियमित पढ़ाई करते है। लेकिन यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की संख्या काफी कम है। आज के दौर में यूनिवर्सिटी में महज 12 प्रोफेसर्स ( 12 Professors ) ही कार्यरत है। जिनमें से भी कई प्रोफेसर्स आने वाले छह माह में रिटायर हो जाएंगे। इनमें से चार प्रोफेसर्स सीधे सिलेक्ट है, जबकि आठ एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत हुए है। जबकि यूनिवर्सिटी में कुल 61 प्रोफेसर्स के पद स्वीकृत है। एेसा ही हाल एसोसिएट प्रोफेसर्स और असिस्टेंट प्रोफेसर्स ( Associate Professors and Assistant Professors ) का है।
असिस्टेंट प्रोफेसर्स के आधे पद खाली
प्रोफेसर्स की तरह ही असिस्टेंट प्रोफेसर्स के आधे पद यूनिवर्सिटी में खाली पड़े है। दरअसल, असिस्टेंट प्रोफेसर्स के आरयू में 724 पद स्वीकृत है, इनमें से फिलहाल 315 असिस्टेंट प्रोफेसर्स ही कार्यरत है। वहीं, एसोसिएट प्रोफेसर्स में 173 शिक्षक कार्यरत है, जिनमें से 150 पदोन्नत और 23 सीधी भर्ती से चयनित है। एेसे में यूनिवर्सिटी में छात्र-शिक्षक अनुपात ( Student-Teacher Ratio ) भी गड़बड़ा गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( University Grants Commission ) की गाइडलाइन भी यूनिवर्सिटी में पूरी नहीं हो पा रही है।
रैंकिंग और ग्रेडिंग गिरी
शिक्षकों की कमी के कारण यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का स्तर ( Study Level ) भी लगातार गिरता जा रहा है। हालही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ( Human Resource Development Ministry ) की ओर से जारी हुई एनआईआरएफ रैंकिंग ( NIRF Ranking ) में राजस्थान यूनिवर्सिटी का नाम टॉप 200 की सूची में शामिल नहीं था। वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण शोध के अवसर ( Research opportunities ) भी कम होते नजर आ रहे है। दरअसल, प्रोफेसर्स के निर्देशन में आठ, एसोसिएट प्रोफेसर्स के निर्देशन में छह और असिस्टेंट प्रोफेसर के निर्देशन में चार विद्यार्थी शोध कर सकते है। एेसे में बहुत ही कम स्टूडेंट्स को गाइड के रूप में प्रोफेसर्स मिल रहे है।
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