DMFT राशि पर घिरी सरकार!
विधायक अमृतलाल ने उदयपुर ज़िले में DMFT में जमा राशि से हुए विकास कार्यों का मामला उठाया। जवाब में मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि सलूंबर, सराडा, जयसमंद, सेमारी और झल्लारा में राशि व्यय नहीं की गई है। DMFT के तहत 536 लाख रूपए के कार्य स्वीकृत हुए हैं, लेकिन राशि व्यय ही नहीं की गई है। सम्लुंबर में तीन वित्तीय वर्षों में 9.39 करोड़ स्वीकृत हुए थे, इनमें से 5 करोड़ 36 लाख ही खर्च किये गए। मंत्री ने शेष राशि जल्द ही खर्च करने का आश्वासन दिया।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि जो पैसा नर्सरी और पर्यावरण सुधार के लिए वर्ष 2018-19 में स्वीकृत हुआ, वो भी अभी तक खर्च नहीं किया गया है। इसके जवाब में मंत्री भाया ने कहा कि कोरोना काल के कारण वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 की बैठकें नहीं हो सकीं। इस बीच कटारिया ने कहा कि बैठकों की सूचना ही नहीं दी जाती है और बैठक होने के बाद नोटिस भेजकर कहा जाता है बैठक हो गई है।
मंत्री-विधायक की जानकारी में दिखा विरोधाभास
विधायक बाबूलाल नागर ने सामोद हनुमान मंदिर में रोपवे का मुद्दा उठाया। जवाब में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि रोपवे की अनुमति के लिए वन विभाग को पत्र लिखा गया है। इसपर नागर ने कहा कि ये भूमि जब वन विभाग की है ही नहीं तो फिर एनओसी और अनुमति लेने की ज़रुरत क्यों पड़ रही है? मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जवाब में कहा कि जिला कलेक्टर की रिपोर्ट में ये भूमि वन विभाग की है, फिर भी इसे लेकर जांच करा लेंगे।