इस दौरान कांग्रेस विधायक के वैल क्रॉस कर विपक्ष तक पहुंच जाने और विपक्षी सदस्यों के पर्चा फाड़कर सत्ता पक्ष की तरफ फैंकने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (
Gulab Chand Kataria ) और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल (
Shanti Dhariwal ) ने सामने वाली पार्टी के संबंधित सदस्यों को पाबंद करने और प्रताडि़त करने की मांग रख दी। इस पर अध्यक्ष सी.पी.जोशी (
CP Joshi ) ने कहा ‘वे किसी को प्रताडित नहीं कर रहे, वे तो खुद इस कुर्सी पर बैठकर खुद को प्रताडि़त महसूस कर रहे हैं।’
अध्यक्ष ने दी यह भी नसीहत जोशी ने कहा कि सदस्य बैठे-बैठे बोलें, यहां पर कागज लाएं यह परंपरा ठीक नहीं है। इस पर विपक्ष ने मेजें थपथपाई। अध्यक्ष ने कहा कि वैल में आकर कागज बताना ठीक नहीं। वाद—विवाद और चर्चा यह संसदीय ताकत है।
पहले से थी कांग्रेस की तैयारी सदन में कोटा के नजवात शिशुओं की मौत मामले में सवाल लगा हुआ था। विपक्ष के आरोपों की संभावना को देखते हुए कांग्रेस ने पहले से ही जवाब देने की तैयारी की हुई थी। हंगामा शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और उसके बाद अन्य कांग्रेस विधायकों ने पर्चे लहराने शुरू कर दिए। हंगामा तब शुरू हुआ, जब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने विपक्ष पर कोटा के मामले में विपक्ष पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और पिछले पांच साल की तुलना के आंकड़े बताने लगे।
सदन हुआ सन्न, गहलोत ने बताया दुखद विधानसभा अध्यक्ष के खुद को प्रताडि़त महसूस करने संबंधी बयान पर एकबारगी पूरा सदन सन्न रह गया। उस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (
CM Ashok Gehlot ) भी सदन में मौजूद थे। जोशी के वक्तव्य के बाद गहलोत ने कहा कि सभी को सदन चलाने में सहयोग करना चाहिए, राजनीति में लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए। अध्यक्ष को यह बात बोलनी पड़े, यह बहुत दुखद है।