राजधानी में छह लाख पेयजल उपभोक्ता
जलदाय विभाग के अधिकारियों की मानें तो राजधानी जयपुर में ही छह लाख पेयजल उपभोक्ता है। अब 13 जुलाई के आदेश से यहां भी आर्थिक संकट से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार आ सकता है। हांलाकि जलदाय विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि पानी के बिल बहुत कम होते हैं और चार महीनों के बिल से ज्यादा भार नहीं आएगा।
जलदाय विभाग के अधिकारियों की मानें तो राजधानी जयपुर में ही छह लाख पेयजल उपभोक्ता है। अब 13 जुलाई के आदेश से यहां भी आर्थिक संकट से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार आ सकता है। हांलाकि जलदाय विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि पानी के बिल बहुत कम होते हैं और चार महीनों के बिल से ज्यादा भार नहीं आएगा।
मार्च से जून तक के बिल एक साथ किए जारी
उपभोक्ता जुलाई से ही इंतजार कर रहे थे कि इस महीने लॉकडाउन अवधि के मार्च और जून का बिल समायोजित होकर आएगा। लेकिन अगस्त में उपभोक्ताओं को मार्च से जून तक के बिल एक साथ जारी किए गए। अधिकारियों के अनुसार विभाग बकाया बिलों को लंबा नहीं खींचना चाहता था। लिहाजा 2 जुलाई के आदेश को गुपचुप में बदल दिया गया।
उपभोक्ता जुलाई से ही इंतजार कर रहे थे कि इस महीने लॉकडाउन अवधि के मार्च और जून का बिल समायोजित होकर आएगा। लेकिन अगस्त में उपभोक्ताओं को मार्च से जून तक के बिल एक साथ जारी किए गए। अधिकारियों के अनुसार विभाग बकाया बिलों को लंबा नहीं खींचना चाहता था। लिहाजा 2 जुलाई के आदेश को गुपचुप में बदल दिया गया।
पहले राहत, फिर आदेश को पलटा
जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव की ओर 2 जुलाई को आदेश जारी किया गया जिसमें पेयजल उपभोक्ताओं को राहत की बात कहते हुए मार्च से जून के बिलों को जुलाई व इसके बाद आने वाले बिलों में समायोजित करने की बात कही।
जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव की ओर 2 जुलाई को आदेश जारी किया गया जिसमें पेयजल उपभोक्ताओं को राहत की बात कहते हुए मार्च से जून के बिलों को जुलाई व इसके बाद आने वाले बिलों में समायोजित करने की बात कही।
इस आदेश से पेयजल उपभोक्ताओं ने आर्थिक स्थिति के हिसाब से राहत की सांस ली कि चार महीने के बिल एक साथ नहीं आएंगे। लेकिन यादव की ओर से 13 जुलाई को एक और आदेश निकाला गया जिसमें मौजूदा दो माह के बिल के साथ दो माह का अतिरिक्त बिल जारी करने के आदेश जारी किए।