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माउंट आबू-फतेहपुर के बाद भीलवाड़ा रहा सर्द, सोमवार से कम होगा शीतलहर का दौर

locationजयपुरPublished: Jan 31, 2021 09:04:44 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

प्रदेश में पिछले सात-आठ दिनों से शीतलहर का दौर जारी है। माउंट आबू-फतेहपुर में न्यूनतम पारा पिछले छह दिनों से लगातार माइनस में दर्ज किया जा रहा है। लेकिन, इस बार सर्दी का नया ट्रेंड देखने को मिला।

rajasthan weather forecast today 31 january 2021

प्रदेश में पिछले सात-आठ दिनों से शीतलहर का दौर जारी है। माउंट आबू-फतेहपुर में न्यूनतम पारा पिछले छह दिनों से लगातार माइनस में दर्ज किया जा रहा है। लेकिन, इस बार सर्दी का नया ट्रेंड देखने को मिला।

जयपुर। प्रदेश में पिछले सात-आठ दिनों से शीतलहर का दौर जारी है। माउंट आबू-फतेहपुर में न्यूनतम पारा पिछले छह दिनों से लगातार माइनस में दर्ज किया जा रहा है। लेकिन, इस बार सर्दी का नया ट्रेंड देखने को मिला। इस बार माउंट आबू व फतेहपुर के बाद सीकर या चुरू के बजाए भीलवाड़ा में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया जा रहा है। रविवार को सीकर व चुरू में न्यूनतम तापमान तीन-तीन डिग्री रेकॉर्ड किया गया, वहीं भीलवाड़ा में न्यूनतम तापमान दो डिग्री ही रहा। वहीं शनिवार को चुरू में तापमान 2.4 डिग्री था, जबकि भीलवाड़ा में 1.4 डिग्री ही दर्ज किया गया। शीतलहर का दौर सोमवार से कम होने की संभावना है।
माउंट आबू माइनस दो, फतेहपुर माइनस 0.5
माउंट आबू व फतेहपुर में इस बार रेकॉर्ड तोड़ सर्दी पड़ रही है। रात का तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है। अर्बुदांचल की वादियों में शीत लहर का कहर जारी है। माउंट आबू में रविवार को न्यूनतम तापमान (-2) डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि, अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्स्यिस रहा। दिन के समय तेज धूप से राहत मिली। वहीं, फतेहपुर कृषि अनुसंधान केन्द्र पर लगातार छठे दिन रविवार को न्यूनतम पारा जमाव बिन्दु से नीचे माइनस 0.5 डिग्री रहा। तड़के तक इतनी तेज सर्दी रही कि जमीन पर पाला जमना शुरू हो गया। लेकिन, दिन में अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
फसलों को होने लगा नुकसान
फतेहपुर व आसपास के इलाके में लगातार छह दिन तक खेतों में बर्फ जमने से सब्जियों में नुकसान का स्तर और बढ़ गया है। सरसों में नुकसान हुआ है। फसलों की बढवार रुक गई। गेंहू और जौ को छोड़ सभी फसलों की गुणवत्ता प्रभावित हो गई है। रबी की फसलों की जल्द बुवाई हुई थी। इस कारण अगेती फसलों का बुवाई क्षेत्र ज्यादा है। किसान शिशुपाल सिंह का कहना है कि रबी की बुवाई के बाद दो बार मावठ होने से इस बार फसलों का उत्पादन बढऩे की उम्मीद जागी थी लेकिन दो दिन से लगातार जमे पाले ने रबी की फसलों की सूरत ही बिगाड़ दी। बारानी अगेती सरसों में जो फलियां आ चुकी थी, उनमें बन रहे दाने का पानी हो गया है। जो दो चार दिन में सूखकर काला जाएगा।
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