आगामी दिनों में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदलने के साथ ही शीतलहर का प्रकोप भी तेजी से हावी होगा। इस बीच ठंडी हवाओं के चलने से और हल्की धुंध छाने से राजधानी जयपुर का वायु प्रदूषण का स्तर दिवाली के बाद से सामान्य स्थिति में नहीं पहुंच पा रहा है। जयपुर का औसत प्रदूषण का स्तर 230 के पार दर्ज किया जा रहा है, जो कि खराब श्रेणी में माना जाता है।
प्रदूषण के स्तर के हाल-
आज सुबह सीस्कीम स्थित राडार से 232, शास्त्रीनगर से 228, सेठी कॉलोनी से 240 एक्यूआई आंका गया। इसके चलते लगातार दिवाली के बाद से आबोहवा पूरी तरह से बिगड़ी हुई नजर आ रही है। वहीं प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषण का स्तर भिवाड़ी का 423, अजमेर का 72, कोटा का 236, पाली का 143, अलवर का 148, जोधपुर का 185, उदयपुर का 132 एक्यूआई दर्ज किया जा रहा है। पर्यावरण विदों के मुताबिक यह स्थिति तापमान में कमी और हवाओं के चलने से होती है, इससे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता रहता है। अस्थमा सहित श्वास संबंधी बीमारियों के मरीजों को इस मौसम में खास ध्यान देने की जरूरत है।
प्रमुख जगहों का पारा-
बीते दिन गुरुवार रात को फतेहपुर का पारा 5.9, भीलवाड़ा का पारा 9.7 डिग्री सेल्सियस,सीकर का 9, कोटा का 12.6, चूरू का 10, नागौर का 11.2, चित्तौड़ का 8.9, हनुमानगढ़ का 11.8, सिरोही का 13.8, जालौर का 13.8, अंता का 10.8, नागौर का 11.2, जोधपुर का 15.6, जैसलमेर का 15.4, बाड़मेर का 17.7, बूंदी का 13.6, गंगानगर का 13.5, जयपुर का 15 डिग्री सेलियस पारा दर्ज किया जा रहा है। वहीं जयपुर का दिन का पारा 30.2 डिग्री दर्ज किया गया।
यह भी मुख्य वजह-
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के पर्यावरणविदों के मुताबिकसर्दी में मिक्सिंग हाइट (जमीन की सतह से वह ऊंचाई, जहां तक आबोहवा का विस्तार होता है) कम होती है। गर्मियों के 4 किमी के विपरीत सर्दियों में यह एक किमी से भी कम रहता है। साथ ही वेंटिलेशन इंडेक्स (मिक्सिंग हाइट और हवा की चाल का अनुपात ) भी संकरा हो जाता है। इससे प्रदूषक ऊंचाई के साथ क्षैतिज दिशा में भी दूर-दूर तक नहीं फैल पाते। यह भी सर्दी के मौसम में प्रदूषण के स्तर के बढ़ने की मुख्य वजह है। अलग-अलग मौसम में हवाओं की दिशा, रफ्तार व पारे का प्रभाव प्रदूषण पर पड़ता है। सर्दी के मौसम में हवाओं की दिशा उत्तर-पश्चिम व उत्तर-पश्चिम की ओर हो जाती है। हवा में गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण व मौजूद गैस से भी प्रदूषक को बढ़ने में मदद मिलती है।