राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां सोलर रेडिएशन 22 प्रतिशत है। इसके बाद गुजरात (18 प्रतिशत रेडिएशन) दूसरे नंबर पर है। ऊर्जा विभाग के अफसरों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी इस प्रक्रिया की जानकारी दी और सस्ती बिजली के लिए पॉलिसी में नया प्रावधान जोड़ने की जरूरत जताई।
अभी 5 लाख रुपए प्रति मेगावाट तक शुल्क यहां सौर ऊर्जा प्लांट लगाने वाली कंपनी यदि पूरी बिजली दूसरे राज्य में सप्लाई करती है तो उससे राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी डवलपमेंट फंड के रूप में शुल्क लिया जा रहा है। मार्च 2023 तक प्लांट लगाने वालों से 2 लाख प्रति मेगावाट (प्रति वर्ष) है। मार्च- 2024 तक 3 लाख रुपए, 2025 तक 4 लाख रुपए और मार्च 2026 तक प्लांट लगाने वालों से 5 लाख रुपए प्रति मेगावाट (प्रति वर्ष) लेने का प्रावधान है।