कार्यकर्ताओं सपना होता है वह चुनाव लड़कर जनप्रतिनिधि बने। प्रदेश निकाय चुनाव होने है। सभी निकाय प्रमुखों के आरक्षण की लॉटरी निकल चुकी है। ऐसे में जिन कार्यकर्ताओं पर मुकदमें दर्ज है, वे चुनाव नहीं लड़ सकते। अपना भविष्य चौपट होता देख, उनका विरोध और मुखर होता जा रहा है। शायद केन्द्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के चलते सरकार मुकदमे वापस ले लें। इसी आस में उन्होंने दिल्ली में विरोध शुरू कर दिया है।
राजस्थान यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष सुमित भगासरा ने दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से मुलाकात के बाद कहा कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार इस संबंध में निर्णय ले चुकी है, लेकिन राजस्थान सरकार ने ऐसा नहीं किया है। कार्यकर्ता 10 महीने से मुकदमें वापस लेने की मांग कर रहे हैं। मुकदमों के कारण नौकरी के साथ ही वे निकाय चुनाव लड़ने से भी वंचित रह सकते हैं। उनका कैरियर चौपट हो रहा है। इस मामले में निसंदेह देरी हो रही है।