वरुण सिंह अध्यक्ष, पी.एम. डूडी सचिव वैसे तो सिनेमा के विकास में निर्देशक और मुख्य कलाकार लेकर मेकअप और स्पॉटबॉय तक का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। लेकिन इसमें एसोसिएशन के पदाधिकारी के जिम्मे विकास की बागडोर होगी। इनमें वरुण सिंह अध्यक्ष, पी.एम. डूडी सचिव, मनमोहन सिंह गुर्जर उपाध्यक्ष, प्रभु सिंह चौहान कोषाध्यक्ष, नीरज खंडेलवाल संयुक्त सचिव और मीडिया सलाहकार धर्मेंद्र उपाध्याय को बनाया गया है। एसोसिएशन के संरक्षक बी.एस. निठारवाल व महेन्द्र गौड़ है।
भविष्य को लेकर बनाई योजना एसोसिएशन की ओर से हाल ही सीकर रोड स्थित एक रिसोर्ट में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें एसोसिएशन के पदाधिकारी और राजस्थानी सिनेमा से जुड़े लोग शामिल हुए। इसमें सिनेमा के विकास और सरकार के साथ होने वाले बातचीत को लेकर चर्चा की गई।
फिर राजस्थानी फिल्में क्यों नहीं? बड़ी बात है कि राजस्थान की समृद्ध कला—संस्कृति, किले, महल, बावड़ियाँ, थार का रेगिस्तान और खूबसूरत लोकेशन में फिल्म शूटिंग के लिए बॉलीवुड के निर्माता—निर्देशक आते है। इन्हें राजस्थान सरकार कई तरह से सहायता प्रदान करती है। बावजूद राजस्थानी फिल्मों को ना तो पूरी तरह से सरकार का साथ मिल रहा है ना ही राजस्थानी दर्शकों का।
इनका कहना है ‘ मूल उद्देश्य यहां के फिल्मकारों, कलाकारों, निर्माताओं और तकनिशियनों को एक मंच पर लाना है। साथ ही उनकी विविध समस्याओं का समाधान कर आपसी समन्वय स्थापित करना है।’— नीरज खंडेलवाल, संयुक्त सचिव, दा राजस्थानी सिने एसोसिएशन