इस तरह से रोजाना जुटते हैं काम में लॉकडाउन लगने के बाद हाई कमीशन ऑफ़ इंडिया ने लंदन में रह रहे भारतीयों की मदद के लिए द राजस्थान एसोसिएशन के हरेन्द्र सिंह जोधा के नंबर हैल्पलाइन के रुप में जारी कर दिए थे। जिसमें इस बात की जानकारी दी गई कि यूके में जिसको भी रहने और खाने की जरुरत है, वे इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। बस फिर क्या था मुसीबतों में फंसे लोगों के फोन आने लगे। क्षेत्र के अलग—अलग क्षेत्रों के होने की वजह से सभी को राहत और मदद पहुंचाने के लिए एक विशेष योजना तैयार की गई। जिसके तहत टीम के सभी सदस्यों में से किसी ने खाने—पीने तो किसी ने रहने की व्यवस्था का जिम्मा संभाल लिया। कुछ टीम सदस्यों ने सूखा राशन की व्यवस्था भी देखना शुरू कर दी। देखते ही देखते ही लंदन में अप्रवासी राजस्थानियों ने अपनी समाज सेवा का तेज गति से शुरू कर दिया।
इस तरह से किया काम शुरू अक्षयपात्र फाउंडेशन की ओर से रोजाना 6500 हजार लोगों को खाना पहुंचाया जा चुका है। इसके अलावा एसोसिएशन की ओर से हर सप्ताह 100 ग्रोसरी बैग भेजे जा रहे हैं। रोजाना ओल्ड एज होम में बुजुर्गों के लिए 500 पैकेट खाना पहुंचाया जा रहा हैं।
एसोसिएशन ने सबसे पहला काम यह किया कि जो यात्री यूके में फंसे हुए थे उनकी पहचान कर उनके रहने की व्यवस्था कर खाना पहुंचाने का काम शुरू किया। 10—20 किलो ग्रोसरी के पैकेट बनाकर जिसको भी जरुरत हैं उनको दे रहे हैं। तीसरा काम लंदन में अकेले रह रहे बुजुर्ग परिवार को भी खाना पहुंचा रहे हैं। अस्पतालों में कार्यरत नर्सेज व डॉक्टर को भी अच्छा न्यूटिशन का खाना दिया जा रहा हैं। बेघर लोग जो अलग— अलग होटलों में ठहरे हुए उनको खाना भेजा जा रहा हैं। जहां सरकार ने रहने की व्यवस्था कर दी, लेकिन उनको खाना नहीं मिल रहा हैं तो उनकी भी मदद की जा रही हैं।
40 हजार स्टूडेंट फंसे हुए है अचानक लगे लॉकडाउन के बाद लंदन में कई लोग फंस गए। इसमें भारत के करीब 40 हजार छात्र हैं। इंडियन यूके में फंसे हुए हैं। इन छात्रों की खोज और पहचान कर उनको हर संभव राहत पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा हैं। इसमें कई छात्र—छात्राएं ऐसे हैं, जिनके पास भी रहने और खाने की व्यवस्था नहीं है। कई तो ऐसे भी है, जिनके पास पैसे तक नहीं है।