परदेस की भूमि पर राजस्थानी संस्कॄति से सराबोर इस कार्यक्रम में बच्चों सहित करीब सौ लोगों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन में चार चांद लगा दिए। आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी लोगों ने एक-दूसरे का सहयोग किया। मौके पर ‘जहां मारवाड़ी वहां मारवाड़’ वाली कहावत चरितार्थ होती दिखी।
जर्मनी में राजस्थानी मिलन समारोह हुआ आयोजित: देसी यादें हुईं ताजा, लोक नृत्य ने बनाया उत्सव का माहौल
जयपुर। जर्मनी के स्टटगार्ट शहर में अक्षय तृतीया के उपलक्ष्य में राजस्थानी मिलन समारोह आयोजित किया गया। परदेस की भूमि पर राजस्थानी संस्कॄति से सराबोर इस कार्यक्रम में बच्चों सहित करीब सौ लोगों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन में चार चांद लगा दिए। आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी लोगों ने एक-दूसरे का सहयोग किया। मौके पर ‘जहां मारवाड़ी वहां मारवाड़’ वाली कहावत चरितार्थ होती दिखी।
पुरानी यादें हुईं ताजा कार्यक्रम की शुरूआत पारंपरिक रूप से हुई। बालिकाओं ने कार्यक्रम में आए सभी लोगों का तिलक लगाकर स्वागत किया। यह देखकर विदेश में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की यादें ताजा हो गईं। किसी को अपने घर के उत्सव की याद आई तो किसी ने भात की रस्म को याद कर बच्चियों को खुश होकर आशीर्वाद दिया।
एक-दूसरे को जानने का मिला अवसर कार्यक्रम के दौरान सभी ने मंंच पर आकर अपना परिचय दिया। इस तरह सभी को एक-दूसरे को जानने का अवसर मिला। राजस्थान के अलग-अलग जिलों से आए लोगों ने आपस में अपने क्षेत्र विशेष की जानकारियों का आदान-प्रदान किया। समारोह में राजस्थान एसोसिएशन जर्मनी के संस्थापक राणा हरगोविंद सिंह मौजूद रहे।
कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखने को मिलीं। बच्चों ने पारंपरिक गानों पर नृत्य किया। महिलाओं ने भी पारंपरिक घूमर नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां देकर जर्मनी में राजस्थानी लोक नृत्य को जीवन्त कर दिया। कविताओं की प्रस्तुतियां के अलावा खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ। सामूहिक रूप से पारंपरिक गानों पर नृत्य हुआ, जिससे मौके पर उत्सव जैसा माहौल बन गया। अंत में सभी ने देसी व्यंजनों का लुत्फ उठाया।