इस मौके पर राजीव अरोड़ा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आज के युवाओं और छात्रों की भूमिका को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि आज के हुक्मरानों की ओर से इतिहास को तोड़—मरोड़ कर बदलने का प्रयास किया जा रहा है। अरोड़ा ने ऐसे लोगों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 21वीं सदी में महात्मा गांधी के समरसता के सिद्धांत विश्व एवं भारत के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान पीढ़ी को गांधी के आदर्श वाला धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी व समरसता पूर्ण राष्ट्र बनाने में योगदान देने का आह्वान किया। इस अवसर पर कुलपति राजीव जैन, प्रोफेसर एस एल शर्मा, डॉ शालिनी चतुर्वेदी, प्रो अनिल मेहता भी उपस्थित रहे।