उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े इतने संवेदनशील विषय में गठित किए गए कोर ग्रुप में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को अध्यक्ष, ग्राम विकास अधिकारी को संयोजक, पटवारी को सह-संयोजक और पंचायत स्तरीय अन्य कार्मिकों को सदस्य बनाया गया है, लेकिन इस समिति में सरपंच को अध्यक्ष बनाया जाना तो दूर सामान्य सदस्य भी नहीं बनाया गया है। इससे सरपंचों में भारी आक्रोश व्याप्त है। पंचायत राज संस्थाओं के इतिहास में प्रथम बार है जब प्रजातंत्र के महत्वपूर्ण पद पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया है। सरपंचों के साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर चुने गए करीब 1 लाख जन प्रतिनिधियों (वार्ड पंचों) में भारी निराशा है।
संरपंच कर रहे हैं पूरा सहयोग उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जारी संघर्ष में स्थानीय प्रशासन के साथ सामंजस्य स्थापित कर पूरी सरपंच ग्रामीणों की सेवा में जुटे हुए हैं। सरंपच द्वारा ही ग्राम पंचायत कार्यालय के कार्मिकों एवं वार्ड पंचों को साथ लेकर भामाशाहों को तैयार, जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाना और अन्य सभी आवश्यक व्यवस्था की जा रही है। साथ ही राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जो सूचनाएं चाही जा रही है उसे तैयार करने में पूर्ण सहयोग किया जा रहा है।