राठौड़ ने बुधवार को फेसबुक लाइव के माध्यम से स्वयं के कोरोना संक्रमित होने से लेकर पुनः स्वस्थ होने तक के संघर्ष पर अपने अनुभव साझा किये। इस दौरान उन्होंने संक्रमण से बचाव के लिए सावधानियां बरतने की लोगों से अपील की।
हुई चूक… और हो गया ‘पॉजिटिव’ कोरोना ‘पॉजिटिव’ से ‘नेगेटिव’ होने तक के अनुभव को साझा करते हुए राठौड़ ने बताया कि लोगों से घिरे रहने और निरंतर निकट रहकर जनसंवाद करना एक बड़ी चूक रही। यही कारण रहा कि संक्रमण के शिकार हो गए।
संक्रमित होने के बाद अपराधबोध हुआ उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का शिकार होने के बाद सबसे पहले मन में अपराधबोध हुआ कि कहीं मैं सुपर-स्प्रेडर के रूप में कोरोना फैलाने का कारक तो नहीं बन रहा? ऐसा मन में विचार करते हुए फ़ौरन अपने संपर्क में आये लोगों को आगाह किया।
आत्मचिंतन, आत्ममूल्यांकन का मिला मौक़ा राठौड़ ने कहा कि जब एकाकी में रहने का मौका मिला तब मन में मजबूती के साथ आत्मचिंतन का मौक़ा मिला। उन्होंने कहा कि जब आत्मचिंतन के साथ-साथ आत्मबल, स्वाध्याय और योग से व्यक्ति का जुड़ाव होता है तब ये सभी पुरानी पद्धतियाँ कोरोना को हारने में निश्चित तौर पर सहायक होती हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें आइसोलेशन के दौरान पुरानी स्मृतियाँ याद करने और आत्म मूल्यांकन करने का समय मिला।
स्वयं का परीक्षण करने की ज़रुरत उपनेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘अवसर में चुनौती ढूंढने’ के मन्त्र का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज जब पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था लडखडाई हुई है तब आत्मनिर्भर भारत की बात चली है। इसी दिशा में हर व्यक्ति को स्वयं का भी परीक्षण करना होगा।
गहलोत-राजे से लेकर जोशी-शर्मा तक का आभार राठौड़ ने इस अवसर पर उन सभी का आभार जताया जो उनके संक्रमणकाल के दौरान शुभचिंतक बनकर सामने आये। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के अलावा सरकारी मुख्य सचेतक महेश शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा न भी नाम लेकर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी शुभचिंतकों ने उन्हें सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
बचाव ही कोरोना का इलाज है राठौड़ ने कहा कि हर अनुभव कोई ना कोई सन्देश देकर ज़रूर जाता है। उन्होंने आमजन को आगाह करते हुए कहा कि जब तक कोरोना संक्रमण की कोई वैक्सीन इजाद नहीं होती तब तक बचाव ही इसका इलाज है। ऐसे में सभी को सावधानियों का विशेष ध्यान रखना होगा।
लगातार रहे एक्टिव
राठौड़ ने दो सितम्बर को खुद के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी सोशल मीडिया के ज़रिये साझा की थी। इसके बाद वे आइसोलेशन पर चले गए थे। चिकित्सकीय उपचार और स्वास्थ्य लाभ लेने के दौरान भी वे पार्टी गतिविधियों में लगातार एक्टिव बने रहे। पार्टी की वर्चुअल बैठकें हों या विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ बयान देने का मामला, वे लगातार सक्रीय दिखाई दिए। गौरतलब है कि राठौड़ से पहले उनके पुत्र भी कोरोना संक्रमण का शिकार हुए थे। अब दोनों पिता-पुत्र कोरोना फ्री हो गए हैं।