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अस्तित्व बचाने के लिए कांग्रेस का ‘कृषि विधेयक विरोध पखवाड़ा’, जानें Rajendra Rathore ने कैसे साधा निशाना

locationजयपुरPublished: Sep 24, 2020 03:31:19 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

कृषि विधेयकों पर कांग्रेस के विरोध पर भाजपा ने निशाना साधा है। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश कांग्रेस की ओर से एक पखवाड़े तक के लिए शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को अस्तित्व बचाने की जुगत करार दिया है।

Rajendra Rathore takes on Congress over Farm Bills Issue
जयपुर।

संसद से पारित हुए कृषि विधेयकों को लेकर प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच ज़बानी जंग परवान पर है। एक तरफ कांग्रेस ने एक पखवाड़े तक विरोध-प्रदर्शन शुरू किया है तो वहीं भाजपा इन्हें किसान हित में बताते हुए किसान और आमजन तक पहुंचने की कवायद में है।
अस्तित्व बचाने की जुगत में कांग्रेस

कृषि विधेयकों पर कांग्रेस के विरोध पर भाजपा ने निशाना साधा है। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश कांग्रेस की ओर से एक पखवाड़े तक के लिए शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को अस्तित्व बचाने की जुगत करार दिया है। राठौड़ का कहना है कि कांग्रेस को इन विधेयकों का विरोध जताने के बजाये केंद्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए।
राठौड़ ने कांग्रेस के प्रदर्शन को नौटंकी करार देते हुए कहा है कि किसान हितैषी विधेयक को लेकर कांग्रेस, किसानों को बरगलाने का जो कुत्सित प्रयास कर रही है उसमें वह कभी सफल नहीं होगी।
घडियाली आंसू बहा रही कांग्रेस

राठौड़ ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार करने वाली कांग्रेस पार्टी केन्द्र सरकार द्वारा विधेयकों के माध्यम से उनके सुझावों को अमल में लाने पर आज घड़ियाली आंसू बहा रही है जबकि किसान भली-भांति समझ रहा है कि यह विधेयक उनकी समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने वाला है।
अपने ही घोषणा पत्र को झूठला रही कांग्रेस

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2019 के घोषणा पत्र को लागू करने का जनादेश नहीं मिला और जब केंद्र सरकार ने जनादेश की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए देश के किसानों को अपनी उपज किसी भी व्यक्ति व किसी भी व्यापारी को किसी भी स्थान पर विक्रय करने का अधिकार देकर किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में कदम उठाए हैं तो अब कांग्रेस अपने ही घोषणा पत्र को झूठलाने में लगी हुई है।
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सच तो यह है कि 52 वर्ष तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस को केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की दशकों पुरानी मांग के तहत अपनी फसल को देश में कहीं भी बेचने का व्यापक अधिकार पच नहीं रहा है। किसानो को गुमराह कर रही कांग्रेस अपने ही लोकसभा चुनावी घोषणा पत्र को विस्तार से पढ़ लेती तो उन्हें विरोध-प्रदर्शन के नाम पर ढोंग करने की आवश्यकता नहीं होती।
कथनी-करनी में अंतर हो रहा जगजाहिर

राठौड़ ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2007 में जिस एपीएमसी मॉडल एक्ट को बनाकर कांग्रेस शासित प्रदेशों में लागू करवाकर संविदा खेती का देश में आगाज किया, आज उसी का विरोध-प्रदर्शन कर कांग्रेस की कथनी व करनी में अंतर को जगजाहिर कर रहा है।
राजस्थान में किसान टैक्स पूरे देश में अव्वल

राठौड़ ने कहा कि पूरे देश में कृषि मंडी टैक्स व कृषक कल्याण फीस के नाम पर 2.6 % सर्वाधिक कर (टैक्स) राजस्थान में है तथा राज्य सरकार ने हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन द्वारा राज्य की कृषि मंडियों में अगर कोई किसान फसल को लेकर आए चाहे उस फसल का विक्रय हो या नहीं हो, उस पर अधिक मंडी टैक्स वसूलने के अधिकार को लेकर किसानों की स्वतंत्रता का हनन किया है।
राठौड़ ने कहा कि देश में सर्वाधिक कृषि मंडी टैक्स वसूलने वाली कांग्रेस सरकार के नुमाइंदे विरोध-प्रदर्शन करने की नौटंकी कर रहे हैं और वे सबसे पहले ये बताएं कि क्या प्रदेश में लगे सर्वाधिक मंडी टैक्स को वापिस लोगे ?
किसान हित में हैं दोनों विधेयक

राठौड़ ने कहा कि संसद में पारित हुए ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 एवं कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020’ विधेयक किसानों के हित में हैं। यही नहीं केन्द्र सरकार ने रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में औसतन 25 फ़ीसदी की भी बढ़ोतरी की है, जिससे किसान आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कृषि विधेयकों को ऐतिहासिक बताया।
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