वर्तमान में दस में से सात भाजपा के सांसद राजस्थान से राज्यसभा के दस सांसद हैं। इन दस में से सात पर वर्तमान में भाजपा के सांसद हैं, वहीं तीन सीटें कांग्रेस के पास है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी राजस्थान से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। भाजपा के सात सांसदों में से चार सांसद ओम प्रकाश माथुर, के जे अल्फाेंस, रामकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल जुलाई में खत्म हो रहा है। बाकी तीन भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, भूपेन्द्र यादव और राजेन्द्र गहलोत हैं। चार सीटों पर चुनाव के बाद राजस्थान से राज्यसभा सांसदों का समीकरण बदल जाएगाा। कांग्रेस की राज्यसभा सीटें बढ़कर पांच होना तो तय है। यदि चार में से तीन सीटें कांग्रेस जीत जाती है, तो दस में से छह सीटें कांग्रेस के खाते में होंगी। भाजपा की कोशिश रहेगी कि कांग्रेस को पांच सीटों पर ही रोक लिया जाए,जिससे दोनों दल के बराबर-बराबर सांसद हो जाएं।
एक सीट पर जीत के लिए 41 विधायकों के वाेटों की जरूरत राज्यसभा सांसद चुनाव में विधायक वोट करते हैं। वोटिंग का फॉर्मूला भी तय है। इसके तहत यदि चार सीटों पर चुनाव है, तो प्रदेश के विधायकों की संख्या के अनुसार जीत के लिए प्रत्याशी को 41 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी। इस लिहाज से चार में से एक सीट भाजपा और दो सीट कांग्रेस के खाते में जाना तय है। चौथी सीट के लिए भाजपा के पास 30 और कांग्रेस के पास 26 विधायकों के वोट हैं। इस चौथी सीट पर निर्दलीय एवं अन्य छोटे दलों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
ये है विधानसभा में विधायकों की िस्थति कांग्रेस- 108 भाजपा- 71 निर्दलीय- 13 आरएलपी- 3 सीपीआइएम- 2 बीटीपी- 2 आरएलडी- 1