कर्नल राज्यवर्धन ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार धर्म विशेष के लोगों के प्रति सहानुभूति के कारण निष्पक्ष होकर अपनी जिम्मेदारी ठीक प्रकार से नहीं निभा रही जिससे असामाजिक तत्वों की हिम्मत लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने सरकार से कोरोना से खिलाफ युद्ध लड़ रहे चिकित्साकर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं हिंसक गतिविधियां करने वालों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम कानूनों के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा है कि हिंसा के दौरान सरकारी एवं निजी सम्पत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई भी अपराधियों की सम्पत्ति जब्त कर की जाए।
कर्नल राज्यवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस की असामान्य परिस्थितियों के चलते कोरोना योद्धा सभी प्रदेशवासियों सुरक्षा के लिए दिन-रात बिना थके लगातार काम कर रहें हैं। उनके साथ होने वाले पथराव व मारपीट की घटनाएं निंदनीय एवं जघन्य अपराध है। कोरोना योद्धाओं की परेशानी का अंदाजा तब ही हो सकता है जब उनके रूप में हम संवेदनशील इलाकों में बिना किसी सुरक्षा के जाकर कार्य करें, तब हमें अहसास होगा कि जो कार्य वे लोग राजस्थान की जनता के लिए कर रहें है वह कितना मुश्किल है।