पूर्व में घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज किसान नेता राकेश टिकैत पहले श्रीगंगानगर की पदमपुर मंडी में महापंचायत को संबोधित करेंगे। फिर उसके बाद दोपहर 2 बजे उनका गंगानगर के ही घड़साना मंडी में महापंचायत में शामिल होने के कार्यक्रम है।
कई गांवों से पहुंचेंगे किसान, दिखाएँगे ‘ताकत’!
श्रीगंगानगर में होने वाली दोनों महापंचायतों में आस-पास के कई गांवों के किसानों के पहुँचने की बात कही गई है। टिकैत की मौजूदगी में होने वाली महापंचायतों के आयोजन की तैयारी लगभग एक सप्ताह पहले से चल रही है। आयोजनों और किसान संगठनों से जुड़े नेताओं ने गांव-गांव ढाणी-ढाणी जाकर लोगों को पीले चावल देकर ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में आयोजन स्थल पर पहुँचने का न्यौता दिया है।
करीरी में दिखाया ‘दम’
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने करौली के टोडाभीम स्थित करीरी गांव की किसान महापंचायत में पहुंचे किसानों से दिल्ली कूच करने का आह्वान किया। उन्होंने 40 लाख ट्रैक्टर के साथ संसद मार्च का ऐलान करते हुए दिल्ली कूच की शुरुआत करने की बात कही। करीरी में हुई महापंचायत में एक लाख किसानों के पहुँचने का दावा किया जा रहा है।
राजस्थान में लगातार मुखर हैं टिकैत
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नेता राकेश टिकैत पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ ही राजस्थान में भी खासा सक्रीय हैं। वे प्रदेश में अब तक कई किसान महापंचायतें कर चुके हैं। 22 फरवरी को हनुमानगढ़ के नोहर में, 23 फरवरी को चूरु के सरदारशहर में, 23 फरवरी को ही सीकर में, तो 25 फरवरी को करौली के करीरी गांव में वे महापंचायतें कर चुके हैं। आज श्रीगंगानगर में टिकैत किसानों को संबोधित करेंगे।
‘टेंशन’ में कांग्रेस-भाजपा !
किसान नेता राकेश टिकैत की राजस्थान में श्रृंखलाबद्ध किसान महापंचायतों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा में भी हलचलें मचाई हुई हैं। देशभर के साथ ही प्रदेश के किसान वर्ग में भी टिकैत के बढ़ते प्रभाव से दोनों पार्टियां चिंतित नज़र आ रही हैं। दरअसल, जिन जिलों में राकेश टिकैत की किसान महापंचायतें हो रही हैं वे सभी किसान बाहुल्य जिले हैं।
वहीं दोनों प्रमुख दलों की चिंता की एक वजह ये भी है कि टिकैत की महापंचायतों के मंचों पर वामदलों के नेताओं की उपस्थिति देखी जा रही है। वहीं प्रदेश में राजनीतिक हाशिए पर चल रहे वामदलों को किसान आंदोलनों और महापंचायतों के जरिए फिर से संजीवनी मिल सकती है।