कोरोना को देखते हुए इस बार भी रक्षा सूत्र लेकर आने वाली बहनों को निराश ही लौटना पड रहा है। जेल प्रबंधन ने बताया कि प्रदेश मे 140 से भी ज्यादा जेलें हैं। जिनमें बीस हजार से भी ज्याा बंदी बंद हैं। इनमें से हजारों बंदियों के लिए हर साल बहनें राखियां लाती हैं। जेलों में सवेरे आठ बजे से शाम पांच बजे तक नियमानुसार रक्षाबंधन भी मनाया जाता है। लेकिन कोरोना के कारण इस बार रक्षाबंधन पर बहनों को भाईयों तक नहीं जाने दिया जाएगा।
वे जो राखी के पैकेट और मिठाई लाएंगी उन्हें नियमानुसार भाईयों तक पहुंचा दिया जाएगा। जेल अफसरों ने बताया कि वैसे तो करीब 90 प्रतिशत से भी ज्यादा बंदियों और स्टाफ को डबल वैक्सीन लग चुकी है लेकिन उसके बाद भी सुरक्षा बरतना जरूरी है। गौरतलब है कि कोरोनो के चलते जेल स्टाफ और बंदी सैंकड़ों की संख्या में कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।