एसएचओ रायसल सिंह ने बताया कि सुबह करीब पौने 9 बजे पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि रामनिवास बाग स्थित अल्बर्ट हॉल से वाहनों पर सवार हाथ में तिरंगा लेकर नारेबाजी करते हुए सैकड़ों लोग रैली निकाल रहे हैं। सूचना पर पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा।
हाईकोर्ट की रोक का हवाला रैली आयोजकों को रामनिवास बाग क्षेत्र में रैली व धरने के लिए हाईकोर्ट से आदेशानुसार प्रतिबंधित होने का हवाला दिया गया। आयोजनकर्ताओं के समझाइश को दरकिनार कर रैली निकाला शुरू किया। जिस पर पुलिस कमिश्नरेट से भी परमिशन नहीं लेने की बात कहने पर भी रैली आयोजकों ने अनसुनी कर दी। करीब 200 लोगों ने दुपहिया व अन्य वाहनों से अल्बर्ट हॉल से विधानसभा के पास अमर जवान ज्योति तक रैली निकाली।
15 के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज एसएचओ रायसल सिंह की ओर से रैली आयोजक सुमित खंडेलवाल सहित 15 जनों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामले की जांच एएसआई हरबंस सिंह को सौंपी गई है। रैली निकालने वाले स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर शामिल वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर से उसमं सवार लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
एक महीने से फाइल दबाकर बैठी पुलिस
तिरंगा रैली को लेकर पुलिस के बर्ताव को अंग्रेजों जैसा बताते हुए आयोजकों का आरोप है कि एक महीने पहले कार्यक्रम तय हो गया था। इसके लिए उसी समय पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया था। लेकिन पुलिस अधिकारी अनुमति की फाइल को दबाकर बैठे रहे।
मंजूरी लेने पहुंचे तो धमकाया दो दिन पहले जब मंजूरी पत्र लेने पहुंचे तो पहले डराया और फिर कई मामलों में मुकदमा लगाकर जिंदगी खराब करने की धमकी दी। पहले से तयशुदा कार्यक्रम होने से लोग एकत्र हुए और रैली निकाली गई।