ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं इस बार राम नवमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। 21 अप्रैल को सुबह सूर्याेदय पुष्य नक्षत्र में होगा, इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र प्रारंभ होगा। सप्तम भाव में स्वग्रही शनि तथा दशम भाव में सूर्य बुध और शुक्र रहेंगे। सबसे खास यह है कि चंद्रमा अपनी ही राशि कर्क में रहेगा। गौरतलब है कि भगवान राम का जन्म कर्क लग्न और कर्क राशि में ही हुआ था। लग्न में स्वग्रही चंद्रमा और अन्य ग्रहों के शुभ गोचर से पर्व की महत्ता और बढ़ गई है।
इस दिन श्रीराम की पूजा शुभ और त्वरित फलदायी मानी जाती है। इस दिन श्रीरामचरित मानस या सुंदरकांड का पाठ करने की परंपरा है। राम नवमी पर राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखें और श्रीराम की विधि विधान से पूजा कर राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें. श्रीराम की प्रसन्नता और आशीर्वाद से आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। श्रीराम के मंत्रों का जाप या अन्य स्तुतियों, स्तोत्र आदि का पाठ करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार रामनवमी पर सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके बाद का श्रीराम का ध्यान करते हुए पूजा का संकल्प लें। राम नवमी पर यथासंभव पीले वस्त्र पहनकर घी का दीपक जलाकर पूजा करें। घर में शाम को भी दीपक जरूर जलाएं। संभव हो तो किसी राम मंदिर या हनुमान मंदिर जाकर घी का दीपक जलाना चाहिए। राम नवमी पर श्रीराम के साथ माता सीता, लक्ष्मणजी, भरत व शत्रुघ्न और हनुमानजी की भी पूजा करते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2021 राम नवमी शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि प्रारंभ 21 अप्रैल 2021 को रात्रि 12. 43 बजे
नवमी तिथि समाप्त 22 अप्रैल 2021 को रात्रि 12. 35 बजे
राम नवमी पूजन और हवन – 22 अप्रैल 2021 को दिनभर