राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार, मेले ( Baba Ramdev Mela 2019 ) में आने वाले सवारी वाहनों से वाहन कर और विशेष सड़क कर के रूप में दस दिवस की अवधि के लिए देय लगभग 17,000 रुपए प्रति वाहन के स्थान पर मात्र 6500 रुपए लिए जाएंगे। वाहन कर और विशेष सड़क कर राशि में यह छूट एक सितम्बर से 14 सितम्बर तक ( Baba Ramdev Ji Ka Mela 2019 ) 14 दिन की अवधि के लिए लागू रहेगी।
गौरतलब है कि रामदेवरा मेले में दूसरे राज्यों से प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इन श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए वाहन और सड़क करों में छूट के निर्णय से राज्य सरकार करों में छूट की अवधि के दौरान लगभग दो करोड 67 लाख रुपए का वित्तीय भार वहन करेगी। रामदेवरा गांव में बाबा रामदेव के मेले को लेकर बाबा रामदेव की समाधि समिति की ओर से सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई हैं। गौरतलब है कि एक सितम्बर को ( Ramdevra Mela 2019 Date ) समाधि पर अभिषेक व ध्वजारोहण के साथ बाबा रामदेव का 635वां अंतरप्रांतीय मेला शुरू होगा। जिसको लेकर समाधि समिति की सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई हैं।
बाबा रामदेव समाधि समिति के अध्यक्ष गादीपति राव भोमसिंह तंवर ने बताया कि एक सितम्बर को मेला शुरू होगा। इससे पूर्व ही उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई है। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान मंदिर को अलसुबह तीन बजे खोला जाएगा, जो देर रात 12 बजे तक खुला रहेगा। सभी श्रद्धालुओं को सात कतारों में समाधि के दर्शन करवाए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर समिति की ओर से 125 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। मंदिर परिसर, समाधि स्थल, रामसरोवर व भीड़ भाड़ भरे क्षेत्रों में 125 सीसीटीवी कैमरे लगाकर समिति कार्यालय में मोनीटर लगाए गए है। यहां 24 घंटे लगातार चार-चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखे हुए है। इसके अलावा 120 से अधिक निजी सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय वारदात नहीं हो।
समिति के अध्यक्ष तंवर ने बताया कि कतार में खड़े श्रद्धालुओं को ठण्डा पानी पिलाने के लिए 50 स्वयंसेवक लगाए गए है। ये स्वयंसेवक कतार में खड़े श्रद्धालुओं को ठण्डा पानी पिला रहे है। इसी प्रकार मंदिर परिसर में एयर कूलिंग सिस्टम लगाया गया है, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ के दौरान उमस से किसी को परेशानी नहीं हो। इसके अलावा मंदिर के मुख्य द्वार से नोखा धर्मशाला तक लगे टिनशेड के ऊपर पंखे लगाए गए है।