सिंघवी ने कहा कि राजस्थान पत्रिका की ओर से बार-बार मामला उठाया जा रहा है। हाईकोर्ट भी बार-बार टिप्पणी कर रही है। मगर बांध के कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण नहीं हटाए जा रहे है। सिंघवी ने बांध की फोटो दिखाई और कहा कि 1897 में इस बांध की नींव रखी गई थी। 1903 में इसका लोकार्पण किया गया।2275 वर्गमील इसका क्षेत्रफल था और कम बारिश में भी बांध में 14.5 फुट पानी रहता था। आज स्थित उलट है।
कभी इस बांध से जयपुर की पेयजल सप्लाई हुआ करती थी। एशियाड के दौरान यहां नौकायन प्रतियोगिता भी हुई। मगर आज बांध सूख गया है। कैचमेंट एरिया में खेती हो रही है। बड़े—बड़े धन्ना सेठों का अतिक्रमण है। फार्म हाउस बना रखे हैं। सरकारी महकमे छोटे मकान तोड़ने तो पहुंच जाते हैं, लेकिन इन निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सिंघवी ने मांग की कि बांध के अतिक्रमणों को हटाने के साथ ही इसमें कैचमेंट एरिया और जहां से बांध में पानी आ रहा है, वहां के सभी अतिक्रमणों को हटाया जाए।