बोहरा ने शेखावत को अवगत कराया कि अगर इन दोनों बांधो को पुनर्जीवित कर दिया जाता है तो न केवल जयपुर जिले के बल्कि आस पास के जिलों के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। बांधों के पुनर्जीवित होने से न केवल भूजल स्तर में बढ़ोतरी होगी बल्कि किसानों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए भरपूर पानी की उपलब्धता सुनश्चित हो सकेगी। जिस प्रकार से लगातार प्रदेश में जल संकट गहरा रहा है उसमें ईस्टर्न कैनाल परियोजना वरदान साबित हो सकती है। बोहरा ने कहा कि ईस्टर्न कैनाल परियोजना में आ रही तकनीकी खामियों को दुरुस्त कर जल्द इस परियोजना को मूर्त रूप दिया जाए ताकि प्रदेश में उत्पन्न हो रहे जल संकट से निपटा जा सके। पेयजल के लिए लम्बे समय तक बीसलपुर बांध पर आश्रित नहीं रहा जा सकता।
बोहरा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेष में जल जीवन मिशन को लेकर काफी काम किया जा रहा हैं लेकिन जयपुर संसदीय क्षेत्र में कई इलाको में अभी भी पानी के कनेक्शन नहीं हुए है जिसके कारण स्थानीय निवासियों को फ्लोराइड युक्त पानी का सेवन करना पड़ रहा है, इसलिए एक विशेष कार्य योजना बनाकर जयपुरवासियों को फ्लोराइड मुक्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। शेखावत ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए जल्द ही विशेष कार्य योजना तैयार करने की बात कही।