मूर्तिकार मातूराम एवं उनके पुत्र नरेश वर्मा दोनों पिता-पुत्रों ने मूर्तिकला में कौशलता प्राप्त कर विश्व में कला का प्रदर्शन किया है। सर्वप्रथम इन्होंने दिल्ली के बिड़ला कानन में 108 फुट ऊंची शिव प्रतिमा का निर्माण करके पूरे विश्व में मूर्ति कला में प्रतिभा का डंका बजाया था। इसके अलावा भी कई बड़े महानगरों में सैकड़ों फुट ऊंची प्रतिमाएं बनाई हैं। मातूराम ने विदेशों में भी सैकड़ों फुट ऊंची विशाल प्रतिमाओं का निर्माण करके विदेशी समाज को भारतीय संस्कृति से जोडऩे का प्रयास किया है। अमेरिका, कनाडा, जर्मनी आदि देशों में भी वर्मा की ओर से रचित चित्रकला संग्रहित की जा चुकी है।
मूर्ति में बनेंगे म्यूजियम, लिफ्ट, होटल अयोध्या में सरयू नदी के किनारे भगवान श्रीराम की 825 फुट ऊंची अष्ट धातु प्रतिमा का निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय ने एमओयू साइन कर लिया है। मूर्ति में म्यूजियम, लिफ्ट, होटल आदि बनेंगे। पिलानी के युवा मूर्तिकार नरेश वर्मा की ओर से बनाए जाने वाली भगवान श्रीराम की 825 फुट ऊंची अष्ट धातु प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी।
कई देशों में बनाई है मूर्तियां मातूराम वर्मा ने मूर्तिकला में पिलानी के बाहर मॉरिशस, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, अमेरिका, ब्राजील सहित अनेक देशों में मूर्तियों का निर्माण कर उपलब्धि प्राप्त की है। अब उनके पुत्र नरेश वर्मा ने भी जिले का नाम रोशन करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने गुजरात में सरदार पटेल की अद्भुत प्रतिमा बनाने वाली टीम में योगदान दिया था। नरेश वर्मा ने नाथद्वारा में शिव प्रतिमा, हिमाचल प्रदेश में हनुमानजी की मूर्ति, टोरंटो में हनुमान मूर्ति का निर्माण किया है।