scriptबड़े परदे पर ऐसे नजर आएंगे ‘सावरकर’ | Randeep Hooda's first look as Swatantra Veer Savarkar launched | Patrika News

बड़े परदे पर ऐसे नजर आएंगे ‘सावरकर’

locationजयपुरPublished: May 28, 2022 01:06:40 pm

Submitted by:

Aryan Sharma

फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ का फर्स्ट लुक जारीरणदीप हुड्डा निभा रहे हैं सावरकर का किरदार

बड़े परदे पर ऐसे नजर आएंगे 'सावरकर'

बड़े परदे पर ऐसे नजर आएंगे ‘सावरकर’

जयपुर. विनायक दामोदर सावरकर की जयंती (28 मई) पर उनके जीवन पर बनने वाली फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ (Swatantra Veer Savarkar ) का फर्स्ट लुक जारी कर दिया गया है। इस फिल्म में अभिनेता रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) वीर सावरकर का रोल निभा रहे हैं। फिल्म के मोशन पोस्टर में रणदीप, सावरकर के लुक में हैं। उन्होंने चश्मा लगा रखा है। वह कोट और काली टोपी पहने नजर आ रहे हैं। उनकी घनी मूंछे हैं। पोस्टर में लिखा है, ‘हिंदुत्व धर्म नहीं, इतिहास है’। ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ को आनंद पंडित (Anand Pandit), संदीप सिंह (Sandeep Singh) और सैम खान (Sam Khan) प्रोड्यूस कर रहे हैं, जबकि निर्देशन की कमान महेश मांजरेकर (Mahesh Manjrekar) संभाल रहे हैं। फिल्म की शूटिंग इस साल अगस्त से शुरू की जाएगी।
फिल्म को लेकर रणदीप हुड्डा का कहना है, ‘यह भारत की आजादी के लिए लड़ाई में शामिल रहे गुमनाम नायकों में से एक को सलाम है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं उनके किरदार को बेहतर ढंग से परदे पर पेश करूं। इस किरदार के जरिए उनकी असली कहानी बता सकता हूं, जिसे लंबे समय तक दबा कर रखा गया।’

वही सोच बताने की कोशिश, जो उनकी थी…
निर्देशक महेश मांजरेकर कहते हैं, ‘सावरकर के लिए लोगों के मन में अलग-अलग वर्जन हो सकते हैं, लेकिन एक फिल्ममेकर के रूप में मैं उसी सोच को प्रजेंट करने की कोशिश कर रहा हूं, जो सावरकर की थी। वह आइकॉनिक स्वतंत्रता सेनानी थे और हमारा उद्देश्य यह है कि उन्हें कोई भी भारतीय कभी नहीं भूले।’ निर्माता आनंद पंडित का कहना है कि रणदीप ने एक अभिनेता के रूप में समय-समय पर अपने कौशल का प्रदर्शन किया है। दिखाया है कि वह किसी चरित्र में खुद को पूरी तरह से ढाल सकते हैं। निर्माता संदीप सिंह ने पोस्टर जारी करते हुए सोशल मीडिया पर एक लंबा नोट लिखा है। उन्होंने लिखा, ‘हर्षद मेहता, विजय माल्या, अबू सलेम और दाऊद इब्राहिम की कहानियां कही जा रही हैं लेकिन कोई वीर सावरकर के बारे में नहीं बताना चाहता, जो कि भारत के हीरो हैं। वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जो 1947 में विभाजन से बचा सकते थे। इस फिल्म के माध्यम से मैं सावरकर के संघर्ष को दिखाना चाहता हूं। वह भारत के सबसे मिसअंडरस्टूड हीरो हैं। उन्हें वह कभी नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे।’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो