प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म, दलितों पर अत्याचार और अपराध के खिलाफ भाजपा कार्यालय से भाजपा कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकाला। सरकार ने धारा 144 लागू कर रखी है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में भाजप कार्यकर्ता कार्यालय पर जुटे और पैदल सिविल लाइन फाटक के लिए रवाना हुए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां की अगवाई में भाजपा कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते चल रहे थे। पुलिस ने फाटक से पहले बेरिकेड्स लगाकर सभी को रोक दिया और यहां से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई। यहां पूनियां और मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने गिरफ्तारियां दी। लेकिन कार्यकर्ता पुलिस की गाड़ी के आगे खड़े हो गए और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। बाद में पुलिस ने उन्हें थाना ले जाकर छोड़ दिया।
क्वारेंटीन से सीधे मार्च में पहुंचे पूनियां और पुलिस से हुए गुत्थमगुत्था कोरोना पॉजिटिव आने की वजह से पूनियां पिछले एक महीने से घर में ही क्वारेंटीन थे। वे सीधे पैदल मार्च में पहुंचे और पुलिस के साथ गुत्थमगुत्था होते दिखे। सिविल लाइन फाटक की तरफ जाने के लिए पूनियां अपने कार्यकर्ताओं के साथ फाटक की ओर बढ़ने की जुगत करते रहे। इस जुगत में पुलिस भी गुत्थमगुत्था होकर उन्हें रोकती दिखी। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती नजर आई। कार्यकर्ताओं ने मास्क लगा रखा था, लेकिन एक—दूसरे से दूर रहने की बजाय वे सटकर चल रहे थे।
सरकार का इकबाल हुआ खत्म प्रदर्शन के बाद पूनियां ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है, जिसके कारण अपराधियों के हौंसले बुलंद है और लगातार अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में लगातार महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही है। दलितों पर अपराध बढ़ रहा है, लेकिन सरकार मौन है।