scriptबाहरी नेताओं को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस में रार, तीनों ने भरे नामांकन | Rar in Congress over Rajya Sabha candidates, nominations filled | Patrika News

बाहरी नेताओं को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस में रार, तीनों ने भरे नामांकन

locationजयपुरPublished: May 31, 2022 03:23:45 pm

Submitted by:

Sunil Sisodia

कांग्रेस के बाहरी नेताओं को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कांग्रेस नेता-कार्यकर्ताओं में अंदरखाने आक्रोश है। टिकट की घोषणा के बाद से ट्वीट पर जमकर लोग आक्रोश भी जता रहा हैं। लेकिन इस विरोध के बीच कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन दाखिल कर दिए। चार सीटों पर कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने एक उम्मीदवार और एक भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में है।

बाहरी नेताओं को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस में रार, तीनों ने भरे नामांकन

बाहरी नेताओं को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस में रार, तीनों ने भरे नामांकन

जयपुर।
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से तीनों ही बाहरी नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में असंतोष साफ झलक रहा है। बड़े कांग्रेस नेता खुलकर तो नहीं बोल रहे, लेकिन बातचीत में नाराजगी जरूर जाहिर कर रहे हैं। वहीं छोटे नेता तो सोशल मीडिया तक पर कमेंट करने से नहीं चूक रहे। राज्य की कांग्रेस सरकार का साथ दे रहे निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा पहले ही दिन उम्मदीवारों की घोषणा होने के साथ ही ट्वीट कर कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी को बताना चाहिए कि राज्यसभा चुनाव में प्रदेश के किसी भी नेता व कार्यकर्ता को टिकट नहीं दिए जाने के क्या कारण रहे। उधर, वरिष्ठ कांग्रेस विधायक भरतसिंह कुंदनपुर ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजकर वरिष्ठ नेता लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाते, वे राज्यसभा के माध्यम से ही जिंदा रहना चाहते हैं। चुनाव जीतने के बाद लाट साहब बन जाते हैं। जनता की नहीं सुनते। अंदरखाने बढ़ रही इस नाराजगी के चलते कांग्रेस को तीसरी सीट को लेकर मुश्किल भी हो सकती है। इस बीच मंगलवार को तीनों उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए।
राज्यसभा की प्रदेश में 4 सीटों पर 10 जून को चुनाव होने हैं। इनमें से 2 पर कांग्रेस और 1 सीट पर भाजपा उम्मीदवार की जीत लगभग तय है। लेकिन 1 सीट के लिए कांग्रेस को जोड़तोड़ करना होगा। एेसे में कांग्रेस को सहयोगी दलों और निर्दलीयों को साधना होगा। जिन तीन उम्मीदवारों को पार्टी ने मैदान में उतारा है, उनमें महाराष्ट्र से आने वाले मुकुल वासनिक (63), हरियाणा के रणदीप सिहं सुरजेवाला (55) और उत्तर प्रदेश के प्रमोद तिवारी (70) हैं। तीनों ही उम्र 50 पार है। जबकि भाजपा ने स्थानीय घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है।

दौड़ में थे ये नेता
राज्यसभा चुनाव के लिए प्रदेश के कई नेता जयपुर से दिल्ली तक भागदौड़ में जुटे थे। इनमें जितेन्द्र सिहं, दिनेश खोड़निया, दुरुर्मियां, रघुवीर मीणा सहित अन्य कई नेताओं के नाम चल रहे थे। आदिवासियों के साथ ही कई समाज के लोग कांग्रेस से राज्यसभा में उम्मीदवारी चाह रहे थे, लेकिन तीनों ही उम्मीदवारों के बाहर से आने से विरोध तेज हो गया। इससे कांग्रेस के लोगों को भितरघात का भी डर सता रहा है। बड़े नेता भले ही खुलकर नहीं बोलें, लेकिन जो नेता उम्मीदवारों के पक्ष में ट्वीट कर रहे हैं, उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है।

पहले डोटासरा ने दी बधाई
राज्यसभा उम्मीदवार तीनों ही बाहरी नेता घोषित होने से प्रदेश के बड़े नेता भी स्थिति समझ नहीं पाए। यही वजह रही कि उम्मीदवारों के समर्थन में ट्वीट तत्काल नहीं किए गए। पहले दिन सबसे पहले गोविंद डोटासरा ने बधाई देने को लेकर ट्वीट किया। उसके बाद दूसरे दिन सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और फिर सचिन पायलट ने ट्वीट किए।

ट्वीट वॉर
निर्दलीय संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर तीनों ही बाहरी नेताओं को टिकट दिए जाने का कांग्रेस से कारण पूछा तो मुख्यमंत्री के करीबी कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा ने संयम लोढ़ा के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि मेरे मित्र संयम लोढा सबसे पहले आपने ही तीन उम्मीदवार बाहर के लाने की सलाह दी थी। आपकी राय को काफी महत्व मिला लगता है। बस नाम बदल गए, आपको तो प्रसन्न होना चाहिए। इस पर संयम ने फिर ट्वीट कर लिखा कि मैंने राय राष्ट्रीय संदर्भ में दी थी, जो न दिल्ली को समझ में आई और न ही भाई राजीव अरोड़ा को। संयम और राजेन्द्र राठौड़ भी राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर आमने-सामने हुए।

कांग्रेस को बीटीपी व सीपीएम से एक वोट की जरूरत
प्रदेश कांग्रेस को तीन सीटें जीतने के लिए 123 वोटों की जरूरत है। हर उम्मीदवार के लिए 41-41 वोट चाहिए। कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं। इनके अलावा सहयोगी दल आरएलडी के 1 विधायक और 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का कांग्रेस दावा कर रही है। इस प्रकार 122 वोट होते हैं। कांग्रेस को सीपीएम या बीटीपी में से एक वोट की जरूरत होगी। पहले दोनों ही दलों के विधायक कांग्रेस के साथ थे, लेकिन अब नाराजगी बताई जा रही है।

रणदीप सिंह सुरजेवाला, गृह राज्य हरियाणा
– नरवाना और कैथल से विधायक बने और मंत्री भी रहे
– कांग्रेस के अभी राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता
– राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं
– किसान व जाट चेहरे के तौर पर मिला टिकट

मुकुल वासनिक, गृह राज्य महाराष्ट्र
– यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री रहे
– 1984 में पहली बार महज 25 साल की उम्र में सांसद बने
– संगठन में काम करने का लंबा अनुभव
– कांग्रेस के राष्ट्रीय महासिचव और सीईसी प्रभारी
– दलित चेहरे के तौर पर मिला टिकट

प्रमोद तिवारी, गृह राज्य उत्तर प्रदेश
– यूपी के प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास सीट से 10 बार विधायक रहे
– 1 सीट से लगातार 9 बार चुनाव जीतकर गिनीजबुक में नाम दर्ज कराया
– यूपी में मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता रहे
– 2014 में निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए
– ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मिला टिकट

ट्रेंडिंग वीडियो