न्यायालय ने एसबीसी आरक्षण रद्द होने के बाद बदली परिस्थितियों के कारण यह आदेश दिया है। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने निधिराज शर्मा, मानसी तिवाड़ी व 17 अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने कोर्ट से कहा कि आरएएस भर्ती-2016 की प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम सितम्बर 2016 में एसबीसी आरक्षण के आधार पर जारी किया गया, लेकिन केप्टन गुरविन्दर सिंह और समता आंदोलन समिति की याचिका पर 9 दिसम्बर 2016 को हाईकोर्ट ने एसबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया।
READ: ब्लू व्हेल : जीत की खातिर जिंदगी का दांव, जयपुर में भी बच्चों में बढ रहा क्रेज, ऐसे बचाएं अपने लाडलों को सुप्रीम कोर्ट ने भी एसबीसी के केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को अंतरिम राहत दी है, जिनका चयन पहले ही हो चुका था। नई भर्तियों व शिक्षण संस्थानों में दाखिलों में एसबीसी आरक्षण का लाभ देने पर पाबंदी जारी रखने को कहा, इसको लेकर सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया। उसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने कवल 1252 चयनित अभ्यर्थियों के लिए ही छाया पद सृजित कर एसबीसी के तहत चयन की छूट दी।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रियाधीन और भविष्य में होने वाली भर्तियों को बिना एसबीसी आरक्षण ही पूरा करने के निर्देश दिए। प्रार्थीपक्ष ने कहा कि आरएएस भर्ती-2016 का प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम एसबीसी आरक्षण के आधार पर जारी हुआ और बाद में यह आरक्षण रद्द हो गया।
READ: जयपुर: दोस्त के साथ निकला था सैर करने, नाले ने ले ली जान, देखिए फोटोज सामान्य महिला वर्ग की कट ऑफ एसबीसी महिला से कम थी, एेसे में एसबीसी के पदों को सामान्य में गिना जाता तो, प्रार्थिया के समान अंक वाले कई अभ्यर्थियों को आरएएस भर्ती 2016 की मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका मिल जाता। मुख्य परीक्षा के लिए श्रेणीवार पदों में एसबीसी के पदों को अलग नहीं दिखाया गया। एेसी स्थिति में एसबीसी के लिए आरक्षित पदों को सामान्य पदों में शामिल कर मुख्य परीक्षा के लिए 15 गुणा अभ्यर्थी बुलाने के निर्देश दिए जाएं।
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