शिवाक्षी खांडल रैंक: तीसरी
पहले प्रयास में ही प्राप्त की तीसरी रैंक
शिवाक्षी खांडल ने पहले अपने पहले ही प्रयास में आरएएस परीक्षा में तीसरी स्थान प्राप्त किया है। शिवांक्षी करती हैं कि कभी भी समय देखकर पढ़ाई नहीं, हमेशा टॉपिक वाइज पढ़ाई करती थी। टॉपिक क्लियर होने तक पढ़ाई जारी रहती थी। चाहे उसमें कितने ही घंटे क्यों नहीं लग जाए। जयपुर की रहने वाली शिवाक्षी साइंस वैकग्राउंड से हैं। बीटेक करने के बाद 2018 में आरएएस की पढ़ाई शुरू की और पहले प्रयास में ही एग्जाम पास कर लिया। शिवाक्षी ने इस सफलता का श्रेय माता.पिता और भाई सहित सभी परिजनों को दिया है। शिवाक्षी के पिता का एक ही सपना था कि वो आरएएस बने। शिवाक्षी के पिता का अप्रेल में निधन हो गया था।
पहले प्रयास में ही प्राप्त की तीसरी रैंक
शिवाक्षी खांडल ने पहले अपने पहले ही प्रयास में आरएएस परीक्षा में तीसरी स्थान प्राप्त किया है। शिवांक्षी करती हैं कि कभी भी समय देखकर पढ़ाई नहीं, हमेशा टॉपिक वाइज पढ़ाई करती थी। टॉपिक क्लियर होने तक पढ़ाई जारी रहती थी। चाहे उसमें कितने ही घंटे क्यों नहीं लग जाए। जयपुर की रहने वाली शिवाक्षी साइंस वैकग्राउंड से हैं। बीटेक करने के बाद 2018 में आरएएस की पढ़ाई शुरू की और पहले प्रयास में ही एग्जाम पास कर लिया। शिवाक्षी ने इस सफलता का श्रेय माता.पिता और भाई सहित सभी परिजनों को दिया है। शिवाक्षी के पिता का एक ही सपना था कि वो आरएएस बने। शिवाक्षी के पिता का अप्रेल में निधन हो गया था।
हर दिन 10 से 12 घंटे धैर्य के साथ पढ़ाई
वर्षा शर्मा ने अपने दूसरे प्रयास में ही आरएएस में पांचवीं रैंक प्राप्त की है। इससे पहले वर्षा की आरएएस.2016 में 211वीं रैंक आई थी। वर्षा अभी उदयपुर में लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। वर्षा ने बताया कि उन्होंने नियमित रूप से 10 से 12 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई की है। वर्षा सिविल लाइंस में रहती हैं। वर्षा के पति भी लेखा सेवा में हैं। अपनी सफलता का श्रेय माता पिता को देते हुए आरएएस सहित अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उन सभी छात्रों के लिए कहा कि वे धैर्य के साथ पढ़ाई करें तो उन्हें सफलता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता।