सुरज्ञान सिंह और अन्य ने प्रारंभिक परीक्षा की कट ऑफ को लेकर याचिका लगाई थी। मुख्य परीक्षा के परिणाम को लेकर बीती १८ मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते केस सूचीबद्ध ही नहीं हुआ। जून के शुरुआत में आयोग ने राजस्थान हाईकोर्ट में विशेष प्रार्थना पत्र दायर किया। सरकार ने भी आरएएस मुख्य परीक्षा के लिए आरक्षित अभ्यर्थियों को बुलाने के नियम में बदलाव किया। इसके तहत रिक्तियों की कुल अनुमानित संख्या के 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बुलाया जाएगा।
आयोग ने 1017 पदों के लिए 11 अप्रेल 2018 को विज्ञापन मांगे थे। इनमें आरएएस के 405 पद, अधीनस्थ सेवा के 575 पद और टीएसपी क्षेत्र के 37 पद शामिल हैं। परीक्षा के लिए 5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए। इनमें से 3 लाख 67 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी 5 अगस्त को हुई परीक्षा में बैठे। आयोग ने 23 अक्टूबर 2018 को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। इसके बाद अभ्यर्थियों ने प्री. परीक्षा के कट ऑफ माक्र्स, प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट में आपत्तियां लगाई। तबसे मामला अटका हुआ है।
बीते साल 24-25 जून को आयोजित मुख्य परीक्षा के लिए 22 हजार 984 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से 18 हजार ने परीक्षा दी। आयोग ने फरवरी-मार्च में मुख्य परीक्षा की कॉपियां जंचवाकर परिणाम तैयार कर लिया। लेकिन कोरोना लॉकडाउन और ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई अटकी है। अब सुनवाई तिथि 20 जुलाई तय हुई है।