आसमान से फूटते रंग-बिरंगे झरने, गोल घूमती चकरियां, आतिशी अनार से आसमान जगमग हो उठा।
जैसे ही तीर लगा तो रावण की आंखों से ज्वाला और मुख से आतिशी झरने फूटते हुए नजर आए, देखते ही रावण का विकराल रूप सामने आया और भयंकर गर्जना के साथ देखते ही देखते दशानन के दसों शीशों के परखच्चे उड़ गए।
महज तीन मिनट के भीतर दशानन पूरा ढेर हो गया। ऐसा ही नजारा देखने को मिला शुक्रवार को अन्याय पर न्याय की विजय के पर्व पर विजयादशमी के मौके पर।
हजारों लोगों का हुजूम, मेले सा माहौल, बड़े-बड़े झूले और मोबाइल से रावण की तस्वीर लेने की होड़ भी लोगों में दिखी।
जैसे ही कोई हवाई आसमान की ओर जाती तो बच्चों की किलकारियां गूंज उठी।
बीच-बीच में जय-जय श्री राम की नारे लगाते हुए लोग नजर आए।
इसके साथ ही सतरंगी आतिशबाजी के भव्य नजारे को देखने के लिए घर-प्रतिष्ठानों समेत सड़क पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। दशानन दहन से पहले शंखनाद के बीच विधिवत पूजन भी किया गया।